न्यूज स्टॉपेज डेस्क
गोड्डा। हर दिन सरकारी आंकड़े और दावे किए जाते हैं की विकास की किरण समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाई जा रही है जबकि जमीनी हकीकत और सच्चाई इससे बहुत दूर हैं। आज मिलते हैं एक ऐसे शख्सियत से इनका नाम है मनोज कुमार ठाकुर उम्र 35 वर्ष पिता का नाम हरी प्रसाद ठाकुर घर बड़हरा अंचल कार्यालय गोड्डा नगर थाना गोड्डा जिला गोड्डा झारखंड राज्य के निवासी हैं । बीमारी की वजह से इनके हाथ पांव सिकुड़ कर छोटे पड़ गए हैं । जिसकी वजह से ये दिब्यांग बन गए और रोजी रोटी कमाने में असमर्थ हैं । कुछ समय तक सदर अस्पताल गोड्डा में इन्होंने इलाज भी कराया परंतु बाद में हॉस्पिटल से इन्हे दवाइयां मिलनी बंद हो गई और आज सड़कों पर भीख मांग कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं व वृद्ध माता पिता के ऊपर बोझ बने हुए हैं ।
सरकारी सहायता नदारद
सरकारी सहायता के नाम पर न इनका न राशन कार्ड बना है और न दिव्यांगों के लिए दी जाने आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है। आज जबकि झारखंड में सरकार आपके द्वार पहुंच कर इस तरह की शिकायतों को दूर करने की घोषणा कर रही है ,जबकि इस तरह के लाचार दिब्यांग गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़ों तक सरकारी नुमाइंदे पहुंच ही नहीं पाते और ये यैसे ही लाचार जिंदगी गुजारने पर मजबूर होते हैं। ग्रामीण इलाकों में ऐसे लोगों की संख्या बहुतायत है जिन्हे पता ही नहीं की फॉर्म किस तरह भरना है और कहां देना है। पूछने पर मनोज ठाकुर ने बताया की आज तक उनकी सहायता के लिए कोई आगे नहीं आया है।