न्यूज स्टॉपेज डेस्क
लोयला स्कूल जमशेदपुर की वर्ग 4 की छात्रा 9 वर्षीय सौमिता दत्ता पिछले 4 वर्षों से योग कर रही है। योग के प्रति ऐसी दीवानगी है के पढ़ाई के बाद ज्यादा समय उसका योग में ही गुजरता है। सौमिता के योग के प्रति जुनून देख कर परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा है उसके योग की शिक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है। सौमिता दत्ता का लक्ष्य है के योग को दुनिया भर में फैलाएं और भारत का नाम योग के द्वारा विश्व मे रौशन करें। बताते चलें कि योग के प्रति लगाव के कारण उन्हें कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। मालूम हो कि भारत को योग गुरु कहा जाता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। योग का अभ्यास शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति देता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जिसका प्रसार अब विदेशों तक हो रहा है। विदेशों तक योग के प्रसार का श्रेय योग गुरुओं को जाता है।
योग दिवस का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 में संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया। उनके प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार करते हुए महज तीन माह के अंदर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया। जिसके बाद अगले वर्ष 2015 में पहली बार विश्व ने योग दिवस मनाया। इसके बादशाह अब नियमित रूप से हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है।
जानें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की क्या है थीम
योग दिवस 2023 की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’ (Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam) है। वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है। इस थीम से तात्पर्य धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है।