न्यूज स्टॉपेज डेस्क
नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण से जुड़े मामले में शनिवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने रंजीत सिंह कोहली समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। रंजीत के अलावा उसकी मां कौशल रानी और हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद भी शामिल हैं। अब इनकी सजा की बिंदु पर 5 अक्टूबर को फैसला आएगा। बताते चलें कि तीनों आरोपितों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को आरोप का गठन अदालत में हुआ था। इधर, दोषी करार दिए जाने से पूर्व 23 सितंबर को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था।
सीबीआई ने 26 गवाह किए पेश
रंजीत कोहली सहित अन्य आरोपियों पर लगे आरोप को साबत करने के लिए करने के लिए CBI ने 26 गवाहों का बयान कलमबद्ध कराया। जबकि, अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए आरोपियों ने 4 गवाह पेश किए थे।
रंजीत कोहली ने सीएम हेमंत सोरेन को भी बनाया था गवाह
रंजीत कोहली की ओर से जिन गवाहों की सूची अदालत को सौंपी गई थी उसमें सीएम हेमंत सोरेन का नाम भी शामिल था। दरअसल तीन मई 2023 को अदालत ने रंजीत कोहली से कहा था कि वो गवाहों की सूची सौंपे। जिसके बाद रंजीत कोहली की ओर से गवाहों की सूची सौंपी गई जिसमें सीएम हेमंत सोरेन का नाम भी शामिल था। हालांकि, 16 मई 2023 को सीएम की ओर से उसने प्रतिनिधि के रूप में झामुमो जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम अदालत में उपस्थित हुए। उन्होंने अदालत में कहा कि वे रंजीत कोहली को नहीं पहचानते।
यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का है आरोप
नेशनल शूटर तारा शाहदेव की शादी 7 जुलाई 2014 को रंजीत सिंह कोहली से हुई थी। तारा का आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद से ही पति द्वारा उत्पीड़न और मारपीट की घटना को अंजाम दिया जाने लगा। रंजीत पर धर्म छुपाकर शादी करने, यौन उत्पीड़न और धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने भी आरोप तारा ने लगाया था। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। बाद में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2015 में इस मामले को सीबीआई ने टेकओवर कर लिया। जांच पूरी करने के बाद सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ साल 2018 में चार्जशीट दायर की।