न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
अंजुमन इस्लामिया रांची में आपसी विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। सदर और सचिव के आपसी विवाद में कमेटी दो गुटों में नजर आ रही है। सचिव गुट में अधिकतर आमला यानी कार्यकारिणी सदस्य नजर आ रहे हैं। सचिव डॉक्टर तारिक गुट की ओर से अंजुमन के सदर हाजी मोख्तार अहमद, नायब सदर नौशाद और संयुक्त सचिव मोहम्मद शाहिद कि सदस्यता रद्द करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल ताजा विवाद अंजुमन इस्लामिया अस्पताल की मैनेजिंग कमेटी को लेकर है। रविवार को नई मैनेजिंग कमेटी का गठन किया गया है जिसे सचिव गुट ने गैर कानूनी बताते हुए फर्जी करार दिया है। जानकारी के अनुसार अंजुमन इस्लामिया की मजलिस-ए-आमला की एक अपातकाल बैठक हुई। जिसने सदर अंजुमन इस्लामिया मोख्तार द्वारा आज जो अंजुमन इस्लामिया अस्पताल में गैर कानूनी तरीके से फजी कमीटि बनाई गई उसका से एक सुर में सारे सदस्यों ने पुरजोर विरोध किया। पूरी तरह से फर्जी और आईन यानी अंजुमन के कानून के खिलाफ काम बताया।
जिस कानून का हवाला दे रहे हैं खत्म हो चुकी उसकी मान्यता
आमला की बैठक में कहा गया है कि जिस कानून का हवाला अंजुमन सदर मोखतार दें रहे हैं। वो 2005 का है और इसकी मान्यता खत्म हो चुकी है। इस कानून में भी कहानी ऐसा नहीं लिखा है कि सदर अपनी मनमानी से कभी भी कमीटि बना और हटा सकते हैं। ज्ञात हो कि दिनांक 29-09-23 को सदर मोख्तार साहेब एवं सचिव डा.तारिक ने 16-09-23 की Executive Body का रेजुलेशन का हवाला देते हुए 17 मेम्बरों को घटा कर 14 Executive Member बनाया था।
बायलॉज के दफा 49 के तहत क्यों ना हो करवाई
आज कि मीटिंग में सभी सदस्यों ने अंजुमन इस्लामिया रांची के Bye-Lauss का दफा नं0 49 का हवाला देते हुए एक सुर में ये भी कहा कि क्यों नही सदर, नायब सदर संयुक्त सचिव की सदस्यता रद कर दी जाए। इन लोगों ने बायलॉज का उलंघन किया है। मजलिस-ए-आमला ने ये भी फैसला लिया हैकि इस मसले को लेकर वक्फ बोर्ड एवं अदालत तक आएंगे। बैठक में डा० तारिक, शाहिद अखतर (डब्लू), शाहिन अहमद, अयूब राजा खान, मो. वसीम, मो. नजीब, मो. नकीब, नदीम अख्तर, मो जावेद अख्तर और साजिद उमर मौजूद थे।