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रांची के सदर थाना क्षेत्र स्थित बुटी बस्ती में समाजसेवी संजय पाहन की हत्या का पर्दाफाश हो गया। रांची पुलिस ने हत्या कराने और करने वाले को गिरफ्तार कर लिया है। इस हत्याकांड में कुल आठ लोग शामिल थे। हत्या के आरोप में मृतक संजय पाहन की पत्नी सालो देवी , साला कमरू नाग के अलावा आशीष नेपाली उर्फ आशीष, मानवेल खलखो, सूरज कुमार ठाकुर, अजहर अंसारी, धनेश्वर भगत और दाउद एक्का को गिरफ्तार किया है। अपराधियों के पास से एक देशी पिस्टल, दो जिंदा गोली, मोबाइल और 15 सिम कार्ड के अलावा एक ऑटो और एक हथौड़ी भी पुलिस ने बरामद किया है।
4.50 लाख में तय हुआ था सौदा
संजय पाहन की हत्या के लिए उसकी पत्नी सालो देवी ने अपने भाई कमरु नाग के साथ मिलकर 4.5 लाख रुपए की सुपारी अपराधियों को दी थी। यह खुलासा रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में किया। उन्होंने कहा कि अवैध संबंध के वजह से इस घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि अनुसंधान के क्रम में यह पता चला कि करीब एक-डेढ वर्ष से संजय पाहन अपनी पत्नी से अलग किसी दूसरी महिला के संपर्क में थे। साथ ही वह अपना अधिकतम समय दूसरी महिला के साथ ही बिताते थे। संजय पाहन अपनी अपनी पत्नी, चार बेटी और एक बेटा पर ध्यान नहीं देते थे। इस बात को लेकर पत्नी के साथ अक्सर विवाद होता था। पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि वह देर रात तक शराब के नशे में घर लौटते थे।
तंग आकर लिया रास्ते से हटाने का निर्णय
पुलिस को जो घटना के संबंध में कहानी पता चली है उसके अनुसार पत्नी और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार एवं मारपीट के कारण सालो देवी तंग आ चुकी थी। सालो देवी ने पूरी कहानी अपने भाई कमरू और गांव के चाचा मानवेल उर्फ छोटू को बताई। साथ ही पति संजय पाहन को रास्ते से हटाने के लिए दबाव भी देने लगी। इसके बाद कमरू नाग और मानवेल उर्फ छोटु ने डोरंडा के आशीष नेपाली से संपर्क किया। फिर 4.5 लाख रुपए मकें संजय पाहन की हत्या की सुपारी दे दी।
हथौड़ी से जख्ती कर मारी गई गोली
हत्या की सुपारी लेने के बाद आशीष नेपाली ने अपने सहयोगी सूरज कुमार, सूरज ठाकुर, धनेश्वर भगत उर्फ भगत जी, दाउद एक्का उर्फ बच्चा को अपने साथ जोड़ा। फिर सालो देवी के साथ सुनियोजित ढंग से संजय पाहन को पहले हथौड़ी से जख्मी किया। इसके बाद संजय पाहन के घर के परिसर में ही गोली मारकर हत्या कर दी। बताते चलें कि आशीष नेपाली, सूरज कुमार एवं धनेश्वर भगत का पूर्व का आपराधिक इतिहास रहा है। ये तीनों आर्म्स एक्ट, लूट, डकैती, उग्रवादी जैसी घटना में शामिल रहे हैं। इतना ही नहीं धनेश्वर भगत पीएलएफआई का कमांडर प्रकाश उरांव के दस्ता का सक्रिय सदस्य रह चुका है। वह पूर्व में पालकोट, गुमला से जेल जा चुका है।