न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
झामुमो के कद्दावर नेता, झारखंड आंदोलनकारी सह पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने पार्टी छोड़ दी। शिबू सोरेन को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की बात कही। कहा कि सपने में भी नहीं सोचा था कि पार्टी छोड़ना पड़ेगा। पथरी में क्या-क्या कहा लिए आपको हुबहु पढ़ाते हैं….
अध्यक्ष,
झारखंड मुक्ति मोर्चा, राँची।
आदरणीय गुरु जी,
जोहार !
मैं चम्पाई सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की वर्तमान कार्यशैली एवं नीतियों से विक्षुब्ध होकर, पार्टी छोड़ने को विवश हूँ।
अत्यंत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आप के मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, एवं जिस के लिए हम लोगों ने जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों की खाक छानी थी, आज पार्टी अपनी उस दिशा से भटक चुकी है।
झामुमो मेरे लिए एक परिवार जैसा रहा एवं मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा। लेकिन पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम की वजह से, मुझे बहुत ही पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेना पड़ा रहा है।
आपके वर्तमान स्वास्थ्य की वजह से, आप सक्रिय राजनीति से दूर हैं, तथा आपके अलावा पार्टी में ऐसा कोई फोरम नहीं है, जहां हम अपनी मन की पीड़ा को बता सकें। इस वजह से, मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।
आपके मार्गदर्शन में, झारखण्ड आंदोलन के दौरान तथा उसके बाद भी, मुझे जीवन में बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है। आप सदैव मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे।
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें। सधन्यवाद !
भवदीय
चम्पाई सोरेन