न्यूज स्टॉपेज डेस्क
इस समय समाज में बहुत सारी कुरीतियां भर आई हैं। जिससे समाज का विकास रुक रहा है। वहीं, व्यक्तियों के रोजगार, शिक्षा, मस्तिष्क, हृदय, स्वास्थ्य और पूरे परिवार पर कुप्रभाव पड़ रहा है। यही कारण है कि लोग छोटी-छोटी बातों पर लम्बी जंग करते रहे हैं। एक दूसरे से स्नेह व प्यार का अभाव दिख रहा है। ये बातें एदार ए शरीया झारखंड के महासचिव मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने एक एजुकेशनल प्रोग्राम से छात्रों से कही। उन्होंने कहा कि सत्य, अध्यात्म, आपसी समरसता और बौद्धिक विकास से दूर हो चुके हैं। बीता समय वापस नहीं आता। आने वाले दिनों की जो जिंदगी बाकी है उसमें स्वच्छ और बेहतर जीवन गुजारने के लिए संकल्पित होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
हृदय पर प्रतिकूल पड़ता है प्रभाव
मौलाना ने नवयुवकों से कहा कि आपके कंधों पर समाज और देश की भविष्य उजवल आधारित है। इस समय देखा जा रहा है कि नई पीढ़ी जहां बेहतर शिक्षा व अग्रणीय कार्य से दूर है, वहीं स्मार्टफोन के दुरुपयोग का प्रतिशत लगातार बढ़ना चिंताजनक है। एक रिपोर्ट के अनुसार नई पीढ़ी का समय 60% स्मार्टफोन के दुरुपयोग में बीत रहा है। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन के ज्यादा उपयोग से वैज्ञानिकों के अनुसार जहां हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है वहीं आंख, मस्तिष्क, उंगलियों द्वारा शरीर के नसों और अन्य भागों को प्रभावित करता है। जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य ,रोजगार, घरेलू सम्बंध पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
स्मार्ट फोन को शिक्षा ग्रहण का माध्यम न बनाएं
मौलाना रिजवी ने नर्सरी से माध्यमिक स्कूल चलाने वाले प्राचार्यों व संचालकों से भी अपील की है कि वह व्हाट्सएप व गूगल के द्वारा होमवर्क भेजने और स्मार्ट फोन को ही शिक्षा ग्रहण करने का माध्यम बनाने से परहेज करें। उन्हों ने कहा की इन समस्याओं पर शिक्षा मंत्रालय को भी गम्भीरता पूर्वक ध्यान देनी चाहिए।