न्यूज स्टॉपेज डेस्क
परिवहन विभाग में मेसर्स शिवा प्रोटेक्शन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से राज्य भर के डीटीओ कार्यालय में कार्यरत झारखंड के करीब 130 कंप्यूटर ऑपरेटरों की होली बेरंग और फिकी मनेगी। क्योंकि, विभाग की ओर से इनका छह महीने से मानदेय नहीं मिल पाया है। तत्कालीन परिवहन सचिव कृपानंद झा के कार्यकाल के दौरान इन कर्मियों को अप्रैल 2024 से लेकर अगस्त पांच महीने का मानदेय एकमुश्त मिला था। अब सितंबर महीने से बिना मानदेय के कर्मी कार्य इस उम्मीद में कर रहे हैं कि जल्द ही उनको बकाया मानदेय मिलेगा। सबकुछ स्मूथ हो जाएगा। लेकिन वर्तमान में परिवहन विभाग की ओर से इनके मानदेय भुगतान को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है।
आखिर क्यों हाथ खींच रहा है परिवहन विभाग
परिवहन विभाग ने अपने अधीनस्थ कार्यालयों में मैनपावर सप्लाई करने के लिए मेसर्स शिवा प्रोटेक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया था। एक टर्म के बाद दोबारा उक्त एजेंसी को ही टेंडर मिलने के कारण यह मामला कोर्ट में चला गया। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने एजेंसी के पेमेंट पर रोक लगा रखी है। सुनवाई की अगली तिथि भी कोर्ट की ओर से निर्धारति नहीं की गई है। जिसके कारण इसके मातहत कर्मियों के मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है। डीटीओ ऑफिस में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों का कहना है कि बीते अपै्रल 2024 में जब विभागीय सचिव कृपानंद झा भुगतान कर सकते हैं तो वर्तमान सचिव ऐसा क्यों नहीं कर रही हैं। जबकि, सभी डीटीओ कार्यालय में इनके भुगतान के लिए फंड उपलब्ध है। विभाग की ओर से आदेश मिलते ही उनकी होली भी रंगीन हो जाएगी। मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
घर चलाना भी हुआ मुश्किल
डीटीओ कार्यालय और जिला रोड सेफ्टी में एजेंसी के माध्यम से कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। वेतन भी काफी कम है। उस पर छह माह से मानदेय नहीं मिलने से घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल मानदेय मिलने के उम्मीद में उधार के सहारे घर चल रहा था। मगर कई लोगों का कहना है कि अब तो दुकानदार उधारी भी देना बंद कर दिए।