न्यूज स्टॉपेज डेस्क
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान के भारत मंडप में शनिवार को अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2023 का उद्घाटन किया. नई शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर इस समागम का आयोजन किया गया, जो दो दिन चलेगा. पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण देते हुए शिक्षा जगत में होने वाले बड़े बदलावों पर चर्चा की. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तीन साल पूरे होने पर उन्होंने देशभर के बुद्धिजीवियों का आभार प्रकट किया, जिन्होंने इसे एक मिशन की रूप में लिया और आगे भी बढ़ाया. पीएम मोदी ने पीएम श्री योजना पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया के तहत राशि की पहली किस्त भी जारी की. पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अब शिक्षा क्षेत्रीय भाषाओं में दी जानी है इसलिए पुस्तकें 22 भारतीय भाषाओं में भी होंगी. इसका एक और लाभ देश को होगा, भाषा की राजनीति करके अपनी नफरत की दुकान चलाने वालों का भी शटर डाउन हो जाएगा. एनईपी से देश की हर भाषा को सम्मान और बढ़ावा मिलेगा. पीएम मोदी ने अपने भाषण में नई शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने पर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाना है. पीएम मोदी ने कहा, ये शिक्षा ही है जिसमें देश को सफल बनाने, देश का भाग्य बदलने की सर्वाधिक ताकत है. आज 21वीं सदी का भारत जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का भी बहुत ज्यादा महत्व है. आप सभी इस व्यवस्था के प्रतिनिधि है, ध्वज वाहक हैं, इसलिए अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं विद्या के लिए विमर्श जरूरी होता है, शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है. मुझे खुशी है, अखिल भारतीय समागम के इस सत्र के जरिए हम विमर्श और विचार की अपनी परंपरा को और आगे बढ़ा रहे हैं. इसके पहले ऐसा आयोजन काशी के नवनिर्मित रुद्राक्ष सभाग्रह में हुआ था. इस बार यह समागम दिल्ली के इस नवनिर्मित भारत मंडपम में हो रहा है. खुशी की बात यह है कि विधिवत रूप से भारत मंडपम के लोकार्पण के बाद यह पहला कार्यक्रम है और खुशी इसलिए बढ़ जाती है कि पहला कार्यक्रम शिक्षा से जुड़ा कार्यक्रम हो रहा है.