न्यूज स्टॉपेज डेस्क
प्रमोद मिश्रा पर झारखंड सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये का प्रस्तावित था इनाम
रांची : बिहार पुलिस ने गया-औरंगाबाद सीमा से कुख्यात नक्सली पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन उर्फ शुक्ला, उर्फ कन्हैया उर्फ जगन उर्फ नूर बाबा उर्फ अग्नि उर्फ बान बिहारी को उसके दो अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया है। बिहार पुलिस उससे गुप्त ठिकाने पर पूछताछ कर रही है। इसकी सूचना झारखंड पुलिस के आला पुलिस अधिकारियों को भी है, लेकिन इस मिशन को फिलहाल गुप्त रखा गया है।
प्रमोद कुमार मिश्रा मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना क्षेत्र के कासमा गांव का रहने वाला है। उसका लंबे समय तक सारंडा में कार्यक्षेत्र रहा है। वर्तमान में वह झारखंड-बिहार सीमा पर छकरबंधा में माओवादियों को मजबूत करने में जुटा था। प्रमोद मिश्रा को नक्सली संगठन में वर्ष 2004 में केंद्रीय समिति सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। उसे वर्ष 2007 में पोलित ब्यूरो सदस्य बनाया गया था। वह 11 मई, 2008 को धनबाद जिले के विनोद नगर से गिरफ्तार हुआ था। उसे न्यायालय ने सबूत के अभाव में वर्ष 2017 में रिहा कर दिया था।
पुलिस पर हमले व कई नरसंहार का मास्टरमाइंड था
इसके बाद से ही वह क्षेत्र में फिर सक्रिय हो गया था। उस पर पुलिस पर हमले व कई नरसंहार का मास्टरमाइंड माना जाता है। झारखंड के सरायकेला-खरसांवा क्षेत्र से एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा उर्फ निर्भय मुखर्जी उर्फ काजल उर्फ महेश को झारखंड पुलिस ने 12 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया था। उसके साथ उसकी पत्नी शीला मरांडी भी पकड़ी गई थी। प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद पोलित ब्यूरो सदस्य पद के दावेदार में प्रमोद मिश्रा सबसे आगे चल रहा था। प्रमोद मिश्रा माओवादी ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का प्रमुख बनना चाहता था। इस पद को लेकर पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा से प्रमोद मिश्रा का अनबन हो गया था। झारखंड पुलिस प्रमोद मिश्रा पर भी एक करोड़ रुपये का इनाम रखने वाली थी। अभी मामला विचाराधीन था, इसी बीच वह पकड़ा गया है। ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का मुख्यालय सारंडा रहा है, जिसमें झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, यूपी, बंगाल व उत्तर पूर्वी क्षेत्र के अन्य राज्य आते हैं।
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