न्यूज स्टॉपेज डेस्क
नयासराय (आरओबी) के नाम पर झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग द्वारा दक्षिण टुंडहूल पंचायत सेमर टोली के एचईसी विस्थापितों को अतिक्रमणकारी बताकर जिला प्रशासन द्वार उजाड़े जाने के खिलाफ आदिवासी मूलवासी संगठनों ने विरोध किया। विस्थापितों ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाते हुआ कहा कि हमारे पूर्वजों ने देश की प्रगति के लिए एचईसी निर्माण हेतू घर व भूमि को नाममात्र मुआवज़ा में सम्पूर्ण पुर्नवास और नौकरी की गारंटी में दिया लेकिन 62 वर्ष बाद भी अनेकों लोगों का पुर्नवास नही किया गया है। उन्हीं परिवारों में से लोग घर व दुकान बनाकर पिछले 50 वर्षों से रह रहे हैं। जिन्हें पथ निर्माण विभाग के कहने पर कड़कड़ाती ठंड में रांची जिला प्रशासन द्वारा उजाड़ दिया गया जो कही से भी न्याय उचित नहीं है।
सरकार का आदेश नहीं मान रहे हैं अधिकारी
आमया संगठन के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि झारखंड सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिसूचना 334 वर्ष 2009 में स्पष्ट है कि राज्य के निवासी जिस भूमि पर 30 वर्ष से रह रहें है उसे सरकार द्वारा आवंटित किया जाएगा लेकिन सरकारी अधिकारी सरकार के निर्देश की अवहेलन कर रहे हैं। उन्होंन मुख्यमंत्री से विस्थापितों को भूमि व मकान आवंटित करने की मांग की। मौके पर एचईसी जन कल्याण समिति के सचिव मुख्तार अंसारी, जेएमएम रांची जिला उपाध्यक्ष कलाम आजाद, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष फिरोज आलम, आदिवासी जन मोर्चा के रंजीत उरांव, विस्थापित नेता पंकज शाहदेव, समीर अली, एकराम हुसैन, तस्लीम आरिफ, मास्टर मुस्तकीम, जहाना खातून, रवीना खातून सहित काफी संख्य में लोग शामिल थे।