न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झांसी। भारत के महानतम वैज्ञानिक, मानवता के अग्रदूत और मनीषी, राष्ट्र ही जिनके लिए सर्वोपरि था, उन भारतरत्न पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 8 वीं पुण्यतिथि पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में शनिवार की शाम हॉकी लीजेंड ओलंपियन अशोक कुमार ध्यानचन्द को अब्दुल कलाम अवार्ड से सम्मानित किया गया।
मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचन्द की उपलब्धियों की बात करें तो भारत सरकार ने उन्हें 1974 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया। अशोक ने तीन विश्व कप खेले, वह 1975 के विश्व कप जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे। उन्होंने पहला वर्ल्ड कप 1971 में खेला जिसमें भारतीय टीम ने कांस्य पदक प्राप्त किया। उसके बाद 1973 के विश्व कप की रजत पदक विजेता टीम के भी सदस्य रहे। अशोक ने दो बार ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, पहली बार 1972 में म्यूनिख में भारत ने कांस्य पदक प्राप्त किया और फिर 1976 में मॉन्ट्रियल में भारत सातवें स्थान पर रहा।
उन्होंने भारत के लिए तीन एशियाई खेलों (1970, 1974 और 1978) के हिस्सा भी रहे और तीनों में ही भारत ने रजत पदक प्राप्त किया। अशोक ध्यानचन्द ने खेल विशेषज्ञ बृजेन्द्र यादव से बातचीत में कहा कि इतनी बड़ी शख्सीयत के नाम का अवार्ड पाकर मुझे बेहद खुशी हो रही है।हॉकी को शिखर तक ले जाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस अवार्ड समारोह में रामदास आठवले,विजय गोयल, केंद्रीय संसदीय मंत्री अशोक बाजपेई, फिल्मस्टार अकबर खान, रंजीत फाउंडेशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. शमीम ए.खान सहित कई हस्तियां मौजूद रहीं।