न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
कोरोना के दौरान लगाए जाने वाला कोविशील्ड वैक्सीन अचानक से देश भर में चर्चा में है। दरअसल यह वैक्सीन जिस कंपनी के फार्मूले से बना है उसने कोर्ट में माना है कि इससे ब्रेन स्ट्रोक दिल का दौरा पड़ सकता है। इस मामला के सामने आने के बाद से ही विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में माना है कि इससे ब्रेन स्ट्रोक अथवा दिल का दौरा पड़ सकता है।
ऐसी कंपनियों से चंदा लिया गया, जिनकी दवाइयां टेस्ट में हो रही थीं फेल
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा है कि इसी वैक्सीन को भारत में हम कोविशील्ड के नाम से जानते हैं, जिसे ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने बनाया था। इस कंपनी द्वारा भाजपा को 52 करोड़ चंदा देने की जो चर्चा मीडिया/ सोशल मीडिया में चल रही है, क्या वह सच है? पहले भी बीबीसी ने रिपोर्ट किया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कुछ ऐसी कंपनियों से चंदा लिया गया, जिनकी दवाइयां टेस्ट में फेल हो रही थीं।
वैक्सीन की पूरी जांच हो ये जिम्मेदारी केंद्र सरकार की नहीं थी क्या?
मुख्यमंत्री सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी कि वैक्सीन की पूरी तरह से जांच हो, खास कर के तब, जब आप इसे लगवाना सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य कर रहे थे? सवाल यह है कि क्या इस वैक्सीन के तथाकथित दुष्प्रभावों से बचाने के लिए कोई रिसर्च की जा रही है? क्या केंद्र सरकार अब भी कोई जिम्मेदारी लेगी? क्या इस मामले में जनता को कोई स्पष्टीकरण दिया जायेगा? प्रधानमंत्री जी, देश जवाब चाहता है।