सीएम ने किया सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का शिलान्यास

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न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क

योजनाओं को समय पर पूरा करना सरकार की प्राथमिकता : हेमंत

देवघर : हर खेत को मिले पानी। इस कड़ी का एक हिस्सा बनने जा रहा है- सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना। इस सिंचाई योजना में भूमिगत पाइपलाइन के जरिए खेतों में पटवन का पानी पहुंचेगा और फसलें लहलहाएगी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन देवघर जिले के सारठ प्रखंड में सिकटिया मेगालिफ्ट सिंचाई योजना के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में किसान टांड़ में भी सालों भर खेती कर सकेंगे।

यहां के पानी का इस्तेमाल यहां के लोग करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमेशा यह बात सुनने को मिलती थी कि झारखंड के डैम, बराज और वॉटर रिजर्वॉयर के पानी का इस्तेमाल झारखंड के किसान नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में यहां के पानी का इस्तेमाल यहां के लोग करें। इस दिशा में कार्य योजना बनाकर उसके क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में गंगा नदी का पानी भी पाइपलाइन के जरिए खेतों में पहुंचेगा। इस दिशा में भी सरकार कार्य योजना बनाने की तैयारी में लग गई है।

नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सिंचाई परियोजनाओं के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने पर विशेष जोर दे रही है। ताकि, पानी का बेहतर और समुचित इस्तेमाल होने के साथ खेत -खलियान डूब क्षेत्र में ना आएं, इसलिए मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना के तहत भूमिगत पाइपलाइन के जरिए नदी, डैम और बराज का पानी खेतों में पहुंचाया जा रहा है । इस कड़ी में राज्य के पहले मेगालिफ्ट सिंचाई परियोजना की आधारशिला दुमका के मसलिया में रखी गई थी और आज देवघर के सारठ में सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का शिलान्यास करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है ।

 सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना की मुख्य बातें 

  • ● सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत अजय नदी बराज से भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
  • ● इस योजना पर 484 करोड़ 35 लाख रुपए खर्च होंगे। निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा होगा।
  • ● देवघर जिले के सारठ और करों तथा जामताड़ा जिला के विद्यासागर और जामताड़ा प्रखंड के 27 पंचायतों के 1 लाख 11 हज़ार 174 किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे।
  • ● 13 हज़ार 164 हेक्टेयर कृषि भूमि में पटवन की सुविधा उपलब्ध होगी।
  • ● धान के अतिरिक्त दलहन और तिलहन के साथ रागी, ज्वार -मक्का जैसे फसलों की खेती के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
  • ● अगर कभी भारी वर्षा हो और खेतों को उतनी पानी की जरूरत नहीं है तो उस पानी को अगल-बगल के जलाशयों में डाइवर्ट कर भरा जाएगा, ताकि उसका अन्य कार्यों में इस्तेमाल हो सके।

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