– झारखंड आंदोलन में डुगडुगी बजाने वाले की भूमिका भी कम नहीं
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
मुझे अभी भी याद है कि किस प्रकार डुगडुगी बजाकर संदेश दिया जाता था कि आंदोलनकारी किस स्थान पर और किस समय एकजुट होंगे। अलग झारखंड राज्य लेने की रणनीति तैयार करेंगे। यह बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अलग झारखंड राज्य के निर्माण में डुगडुगी बजने वाले आंदोलनकारी की भी उतनी ही भूमिका है, जितना अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले आंदोलनकारी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग झारखंड राज्य का गठन होना एक बड़ी उपलब्धि थी। अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए हजारों आंदोलनकरियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। राज्य के विभिन्न रिसोर्स, संपत्ति पर पहला अधिकार आंदोलनकारी अथवा उनके परिवार का होना चाहिए। सीएम ने आदेश दिया कि अगले 15 से 20 दिनों के भीतर गांव-गांव पहुंचकर आंदोलनकारी तथा आंदोलनकारी परिवार के सदस्यों का चिन्हितिकरण कार्य पूरा करें।
पूर्व की सरकार आंदोलनकारियों की संख्या 25-30 हजार में समेटना चाहती थी
सीएम ने बैठक में कहा कि पूर्व की सरकारों ने आंदोलनकरियों को अपमानित करने का काम किया। वे अलग झारखंड राज्य आंदोलनकरियों की संख्या को घटाकर 25 से 30 हजार में समेटना चाहती थी। मगर वर्तमान राज्य सरकार गांव-गांव में पहुंच कर एक-एक आंदोलनकारी परिवार तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि एक-एक आंदोलनकारी या उनके परिवार को पूरे मान-सम्मान के साथ उनका अधिकार दिया जाए।
आंदोलनकारी परिवार की पीड़ा एक आंदोलनकारी परिवार का बेटा ही समझ सकता है
एक आंदोलनकारी परिवार की पीड़ा एक आंदोलनकारी परिवार का बेटा ही समझ सकता है। यह कहते हुए सीएम ने कहा कि आज झारखंड का नेतृत्व एक आंदोलनकारी का बेटा कर रहा। इसलिए मैं आंदोलनकारी और उनके परिवार के सदस्यों की पीड़ा अच्छी तरह से समझ सकता हूं। आप समझ सकते हैं कि अलग झारखंड राज्य की लड़ाई में जिस बेटे के पिता ने अपने प्राणों की आहुति दी है, उस बेटे पर क्या गुजरती होगी। वैसे लोगों का भविष्य कौन संवारेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द राज्य के आंदोलनकारी तथा उनके परिवारों का चिन्हितिकरण कार्य पूरा कर उनकी हर समस्याओं का निदान हमारी सरकार करेगी। बैठक में झारखंड चिन्हितीकरण आयोग के अध्यक्ष श्री दुर्गा उरांव, सदस्य भुवनेश्वर महतो एवं नरसिंह मुर्मू, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे उपस्थित थे।