कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, लैंड बैंक रद्द करने सहित की कई मांग

न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क

झारखंड में लैंड बैंक को तत्काल रद्द किया जाए। 22 लाख एकड़ गैर मजरूआ और सामुदायिक भूमि को लैंड बैंक में डाल दिया गया है। जिसके करण बंदोबस्त किए गए जमीन का रसीद नहीं काटने से काफी लोग परेशान हैं। यह बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर झारखंड कांग्रेस के विधायक दल के नेता रामेश्वर उरांव व प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कही है। लैंड बैंक को रद्द करने के अलावा भूमि अधिग्रहण कानून संशोधन को तुरंत रद्द करने के साथ दलित समुदायों के लिए जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए सबको जाति प्रमाण पत्र देने की मांग की है।

लैंड बैंक को रद्द करने का बताया कारण
कांग्रेस की ओर से भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि पूर्व की भाजपा सरकार ने झारखंड राज्य की 22 लाख एकड गैरमजरूवा व सामुदायिक जमीन को लैंड बैंक में डालने का काम किया है। जिससे गरीबों में बन्दोबस्ती किये भू-खंड पर रसीद कटना भी बन्द हो गया है। इससे झारखंड के लाखों जनता भूमिहीन हो गई है। अनेक लोगों ने गैरमजरूआ जमीन को कड़ी मेहनत से खेती योग्य भी बनाया है। मगर लैंड बैंक में उनकी जमीन गत सरकार ने ले रखी है। पूंजीपतियों को जमीन देने के लिए ही लैंड बैंक की स्थापना की गई थी। अतः आपसे सादर अनुरोध है कि राज्य के व्यापक गरीब, किसान, एवं भूमिहीन लोगों के हित में लैंड को रद्द करने की कृपा करेंगे।

पेसा कानून का हो रहा उल्लंघन
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि पूर्व की भाजपा सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून 2017 के तहत निजी एवं सरकार परियोजनाओं के लिए बिना ग्रामसभा की सहमति बहुफसलीय भूमि समेत निजी व सामुदायिक भूमि का जबरन अधिग्रहण करने का प्रावधान है। इससे पेशा कानून का उल्लंघन हो रहा है। ग्रामसभा की शक्ति को महत्वहीन बनाया गया है। अतः आपसे सादर अनुरोध है कि पेशा कानून को सशक्त एवं प्रभावशाली बनाने हेतु ग्रामसभा की मंजूरी किसी भी निजी व सरकारी परियोजना के लिए अनिवार्य होना चाहिए एवं भूमि अधिग्रहण कानून (झारखण्ड) संशोधन रद्द करने की कृपा करेंगे।

जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही दिक्कत
राज्य में दलित समुदाय के डोम, सफाईकर्मी, वाल्मिकी समुदाय, बासझोर, कोरवा, भूईयां आदि लाखों लोग जाति प्रमाण पत्र से वंचित हैं। जो कई कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। अधिकांश दलित वर्ग के लोग भूमिहीन है। अतः आपसे सादर अनुरोध है कि दलित समुदाय के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल करते हुए जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने तथा भूमिहीन दलित परिवार को वन पट्टा निर्गत करने की कृपा करेंगे।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version