इंडिया के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर पहुंचा, पीड़ितों से मुलाकात की

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न्यूज स्टॉपेज डेस्क

इंफाल। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवपलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को मणिपुर पहुंचा। इंफाल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सांसदों का दल हेलिकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचा और रिलीफ कैंप में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की।

सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व असम के कलियाबोर क्षेत्र के कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई कर रहे हैं। यह दल मणिपुर में हिंसा के कारणों समेत अन्य बिंदुओं को जानने का प्रयास करेगा। राज्य के हिंसा पीड़ितों की समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार और संसद को अपनी राय भी देगा। प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव, जेएमएम से महुआ माझी, डीएमके सांसद कनिमोझी, एनसीपी (शरद पवार गुट) के मोहम्मद फैजल, आरएलडी के जयंत चौधरी, आरजेडी के मनोज कुमार झा, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, जेडीयू के राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, शिवसेना (उद्धव गुट) के अरविंद सावंत शामिल हैं।

हम, लोगों की मांगों को सुनना चाहते हैं

सांसद गौरव गोगोई ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से कहा, ”हम, लोगों की मांगों को सुनना चाहते हैं। हम यहां मणिपुर के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और उनके महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने के लिए जा रहे हैं।”

इंडिया चाहता है कि मणिपुर में पिछले 86 दिनों से चल रहे संघर्ष को खत्म किया जाए

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इंडिया चाहता है कि मणिपुर में पिछले 86 दिनों से चल रहे संघर्ष को खत्म किया जाए। वे सुनना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर पर क्या कहना है। प्रधानमंत्री को मणिपुर के बारे में लोकसभा में वक्तव्य देना चाहिए। चौधरी ने कहा कि मणिपुर में स्थिति बहुत खराब है। हमारी कई मांगें हैं। हम उन्हें राज्यपाल के समक्ष पेश करेंगे। इससे पहले हम वास्तविकता पर गहराई से चर्चा करेंगे।”

विवादित समुदायों के विचारों को सुनने की आवश्यकता

टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने मणिपुर में दोनों विवादित समुदायों के विचारों को सुनने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह दौरे पर आने वाले सांसदों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

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