झासा रांची के अध्यक्ष बने डॉ. सिद्धेश्वर बास्की, नई कमेटी का हुआ शपथ ग्रहण

न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (झासा) की रांची जिला कमेटी का पुनर्गठन हो गया। रांची जिला के नए अध्यक्ष डॉ. सिद्धेश्वर बास्की बने। मालूम हो कि प्रत्येक दो साल में कमेटी का चुनाव होता है। शुक्रवार को सर्वसम्मति से डॉ. सिद्धेश्वर का चयन अध्यक्ष के रूप में किया गया। वहीं, उपाध्यक्ष डॉ. विनिता कुमारी, सचिव डॉ. कृष्ण मुरारी सिंह, सहसचिव डॉ. दिलीप पासवान और कोषाध्यक्ष डॉ. रवि को चुना गया। शुक्रवार को आयोजित पुनर्गठन सह शपथ ग्रहण सम्मेलन में झासा के राज्याध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. पीपी शाह, सचिव डॉ. ठाकुर मृत्युंजय सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ. स्टीफन खेस, आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. प्रदीप सिंह, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. एके झा और सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार के अलावा सदर अस्पताल के अन्य पदाधिकारी-कर्मी उपस्थित थे।

डॉक्टरों की कमी दूर करे सरकार
डॉ. बास्की से सरकार से मांग की है कि वे डॉक्टरों की कमी दूर करे। उन्होंने कहा कि 8 घंटे से अधिक कोई काम नहीं कर सकता। डॉक्टर की कमी से सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर को समय से अधिक ड्यूटी करनी पड़ती है। इसका अलग से कोई पैसा नहीं मिलता। दूसरी ओर अधिक काम करने के कारण कई बार तनाव की भी स्थिति बन जाती है। अगर डॉक्टर व न

 

र्सिंग स्टॉफ के सभी पद भरे जाएं तो डॉक्टरों को भी राहत मिलेगा। इसका असर यह होगा कि वे मरीजों को बेहतर तरीके से देख पाएंगे। वर्तमान में डॉक्टरों की कमी के कारण क्षमता से अधिक मरीजों को प्रत्येक डॉक्टर देखते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार खाली पदों को भर दे तो स्वास्थ्य सेवा में बेहतर सुधार आएगा।

जानें कौन हैं सिद्धेश्वर बास्की
डॉ. सिद्धेश्वर बास्की ने मेडिकल की पढ़ाई 1989 में आरएमसीएच रांची (वर्तमान में रिम्स) से की। वर्ष 2000 में तत्कालीन बिहार में चाईबासा जिले के करायकेला औषाधालय से नौकरी शुरू की। 2003 में गुमला इसके बाद जामताड़ा और रांची के सिल्ली प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में अपनी सेवा दे चुके हैं। बीते वर्ष 2022 में डॉ. बास्की झासा के सचिव का चुनाव भी लड़ चुके हैं। लोगों की सेवा करने के लिए इस फिल्ड में आए डॉ. सिद्धेश्वर  के अनुसार बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहते थे। जब मेडिकल में चयन हुआ तो पिता रो रहे थे कि आखिर कैसे एडमिशन कराएंगे। कैसे पढ़ाएगे। धान बेचकर घरवालों ने एडमिशन का पैसा जमा किया। मेरिट पर एडमिशन हुआ। उन्होंने कहा कि परिवार व भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिला। डॉ. बास्की को मरीजों का इलाज करने के साथ सामाजिक कार्य का भी चस्का लगा है। वे जाहेरथान सरना समिति के माध्यम से लोगों का इलाज करने के साथ अन्य सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं।

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