ईडी ने दिल्ली पुलिस से कहा हेमंत सोरेन को ढूंढ कर लाएं, BMW कार किया सीज

न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। कथित जमीन घोटाला मामले में सोमवार को दिल्ली से रांची तक हेमंत सोरेन के ठिकानों पर ईडी की टीम पहुंची। मगर हेमंत सोरेन नहीं मिले। इधर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने दिल्ली स्थित उनके आवास से बीएमडब्ल्यू कार और कुछ कागजात जब्त किए। वहीं, टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि सीएम हेमंत सोरेन को ढूंढ कर लाएं। वे 24 घंटे से लापता हैं। इधर इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि हेमंत सोरेन भगोड़ा हो चुके हैं। वहीं, झारखंड की सत्ताधारी पार्टी जेएमएम का कहना है कि उनके नेता को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को ईमेल के जरिए 31 जनवरी को सीएम आवास में दिन के एक बजे पूछताछ के लिए समय दिया है।

चप्पल पहनकर, चादर से चेहरा ढंक कर निकले हेमंत
भाजपा की झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा,
dir_ed के डर के मारे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले अठारह घंटे से दिल्ली वाले मुख्यमंत्री आवास से फ़रार हो कर भूमिगत हो गये हैं। मीडिया सूत्रों के मुताबिक़ देर रात हेमंत जी हवाई चप्पल पहने हुए चादर से मुंह ढंककर चोर की तरह आवास से पैदल निकल कर भागे हैं। उनके साथ दिल्ली गया स्पेशल ब्रांच का सुरक्षाकर्मी अजय सिंह भी ग़ायब है। इन दोनों का मोबाईल भी बंद तब से उन्हें ईडी और दिल्ली पुलिस ढ़ूंढ़ रही है।मुख्यमंत्री की सुरक्षा के साथ इतनी बड़ी लापरवाही का कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता। इससे चिंताजनक और लज्जाजनक क्या हो सकता है कि संवैधानिक पद पर बैठा एक राज्य का मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर चोर-डकैत की तरह फ़रार हो जाए। राज्य को भगवान भरोसे छोड़ दे। मुख्यमंत्री की फरारी में राज्य का नेतृत्वकर्ता कौन? यह संवैधानिक सवाल अहम है। महामहिम @CPRGuv जी इसका संज्ञान लें और राज्य में विधि सम्मत क़ानून का राज क़ायम रखने के लिए समुचित कदम उठाए।

समय आने पर लेंगे निर्णय : राज्यपाल
झारखंड के राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन मिलने के मद्देनजर राज्य की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. साथ ही पत्रकारों ने जब राज्यपाल से पूछा कि राज्य में राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर क्या राजभवन के लिए सभी विकल्प खुले हैं? इस पर उन्होंने कहा, मैं संविधान के रक्षक के रूप में पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हूं। समय आने पर निर्णय लेंगे।

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