न्यूज स्टॉपेज डेस्क
राजधानी के शहरी क्षेत्र में राशन डीलरों की मनमानी बढ़ गई है। राशन का उठाव करने के बावजूद लाभुकों के बीच अनाज का वितरण नहीं कर रहे हैं। नवंबर माह में राशन वितरण में रांची की विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी मोनी कुमारी ने बड़ी लापरवाही पाई है। इसके बाद 222 राशन डीलरों को शोकाॅज किया गया है। सभी से कहा गया कि 24 घंटे के अंदर लापरवाही बरते के संबंध में अपना पक्ष रखें। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सभी के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे और कानूनी काररवाई भी होगी।
समीक्षा के दौरान हुआ लापरवाही का खुलासा
हरा कार्ड के लाभुकों के बीच राशन वितरण के लिए सभी पीडीएस डीलरों को नवंबर माह में अनाज उपलब्ध करा दिया गया था। मगर लाभुकों की ओर से राशन नहीं मिलने की शिकायत मिलने लगी तो विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी ने इसकी समीक्षा की। जिसमें उन्होंने पाया कि नवंबर माह में 138 डीलरों ने 21 से 50 फीसदी, 32 डीलरों ने 10 फीसदी तक और 52 जन वितरण प्रणाली के विक्रेताओं ने एक भी लाभुक को अनाज का वितरण नहीं किया है। जबकि लाभुकों के बीच अनाज का वितरण शत- प्रतिशत करना अनिवार्य है।
क्या है हरा कार्ड योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गुलाबी व पीला राशन कार्डधारों को अनाज उपलब्ध कराया जाता है। मगर कोटा खत्म हो जाने के कारण जरुरतमंदों का कार्ड नहीं बनाया जा रहा था। जिसके बाद झारखंड सरकार ने झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लोगों को हरा राशन कार्ड उपलब्ध कराया है। हरा राशन कार्ड के लाभुक को केवल एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी को पांच किलो अनाज दिया जाता है।
पणन पदाधिकारियों से भी मांगा गया स्पष्टीकरण
रांची की विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी मोनी कुमारी ने नवंबर माह में हरा राशन कार्डधारकों को अनाज वितरण नहीं करने पर पणन पदाधिकारियों को भी शोकाॅज किया है। उन्होंने पूछा है कि किस परिस्थिति में कम वितरण होने से संबंधित सूचना एवं कारण आपकी ओर से अधोहस्ताक्षरी को नहीं बनाया गया। उन्होंने 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्तित करने कहा है।