न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड राज्य में बालू की अब होम डिलीवरी होगी। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। झारखंड खनिज विकास निगम द्वारा तेलंगाना राज्य की तर्ज पर सैंड टैक्सी पोर्टल को मार्च 2024 तक लागू किया जाएगा। पोर्टल पर पंजीकृत ट्रैक्टर वाहनों के मालिकों/नागरिकों और उपभोक्ताओं को बालू का ऑर्डर देने के 48 घंटे के अंदर बालू गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाएगा। ये जानकारी खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दिकी ने दी। सूचना भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस उन्होंने बताया कि वर्तमान में 14 खनिज ब्लॉकों को नीलामी के लिये तैयार किया गया है।
351 बालू घाट की होगी नीलामी
लघु खनिज की नीलामी की जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड में पहली बार झारखंड स्टेट सैंड माइनिंग पॉलिसी 2017 के अनुसार कुल 351 बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया निगम के द्वारा डीसी के माध्यम से की जाएगी।
डीएमएफटी फंड से हो रहे विकास कार्य
डीएमएफटी फंड में कुल 11 हजार 960 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 5978 करोड़ रुपये विभिन्न विकास योजनाओं पर व्यय किये गये हैं। 2023-24 में कुल तीन कोयला खदानों की नीलामी की गयी है। ।
ब्लॉक चेन प्रणाली से हो रहा है बीज वितरण
झारखंड पूरे देश में पहला ऐसा प्रदेश है, जिसने बीज वितरण में ब्लॉक चेन प्रणाली लागू की है। इस संबंध में कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने बताया कि हमारे इस प्रयास की पूरे विश्व में चर्चा हुई है। सुखाड़ के बावजूद इस वर्ष 1.30 लाख क्विंटल बीज का वितरण वेब पोर्टल के माध्यम से किया गया है।
बंद पड़े कोयला खदनों में केज कल्चर
मछली उत्पादन में 3.30 लाख टन के लक्ष्य के विरुद्ध 2.95 लाख टन उत्पादन हुआ है, जबकि 2018-19 में यह उत्पादन 2 लाख टन से कम था। बंद पड़े कोयला खदनों में केज कल्चर की शुरुआत की गई है।