न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
नई दिल्ली । इंडो-पैसिफिक चीफ की मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ, जिसमें सेना प्रमुख जनरल पांडे ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने क्षेत्र में चीन की आक्रामक सैन्य ताकत पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच कहा कि हिंद-प्रशांत के लिए भारत का दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर जोर देता है। इंडो-पैसिफिक सेनाओं के प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में इंडो-पैसिफिक निर्माण समकालीन भू-रणनीतिक परिसर में केंद्रीय स्थान पर आ गया है। इसका महत्व आज की दुनिया की राजनीतिक सुरक्षा, आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्रों में उभरती गतिशीलता का प्रतिबिंब है। जनरल पांडे ने यह भी कहा कि क्षेत्र में सभी हितधारकों को सकारात्मक रूप से शामिल करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता अटूट और स्थायी रही है। उन्होंने कहा, कि इंडो-पैसिफिक के लिए भारत का दृष्टिकोण विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, बल प्रयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन पर जोर देता है। सेना प्रमुख ने कहा कि हालांकि विभिन्न देशों के प्रयास मुक्त इंडो-पैसिफिक की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, फिर भी हम अंतरराज्यीय विवादों और प्रतिस्पर्धाओं की अभिव्यक्ति देख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं वे सीमाओं से परे हैं और उनके प्रति हमारी प्रतिक्रिया को इसमें शामिल किया जाना चाहिए।
विश्वास कायम करना और सहयोग को मजबूती प्रदान करना हमारा लक्ष्य
इंडो-पैसिफिक के महत्व पर जोर देते हुए जनरल पांडे ने कहा कि यह क्षेत्र केवल राष्ट्रों का एक समूह नहीं है, बल्कि यह अन्योन्याश्रितताओं का एक जाल है। हमारा लक्ष्य विश्वास कायम करना और सहयोग को मजबूती प्रदान करना है।जनरल पांडे ने कहा कि हम इस संगोष्ठी से जो परिणाम प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, उनमें कई प्रमुख मुद्दे शामिल हैं। ये हैं – सैन्य सहयोग के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना, सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।
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