झारखंड आंदोनकारियों को 50- 50 हजार रुपए सम्मान राशि के रूप में मिले, जेल जाने की बाध्यता हो समाप्त- सांसद

7 Min Read

-पूर्वी सिंहभूम के आंदोलनकारी विद्युत वरण महतो से मिले, मांग पत्र सौंपा
– झारखंड के तमाम नौकरियों व पैसा में 100 फीसद झारखंडियों के लिए नौकरी की गारंटी सुनिश्चित हो
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
राज्य सरकार आंदोलनकारियों के प्रति गंभीर हो उनकी जायज मांगों पर ठोस पहल की जाए और जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए प्रत्येक आंदोलनकारी को समान रूप से राज्य गठन की तिथि से मान-सम्मान पहचान एवं सम्मान राशि 50- 50 रु. हजार दिए जा सकते हैं. चुकी झारखंड अलग राज्य आंदोलनकारियों के त्याग बलिदान संघर्ष व शहादत के बल पर हुआ है. इसलिए आंदोलनकारियों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ये बातें सांसद विद्युत वरण महतो कही। दरअसल झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा पूर्वी सिंहभूम का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर सांसद विद्युत वरण महतो से मुलाकात की। जिस पर सांसद ने आंदोलनकारियों की मांगों को उचित बताते हुए कहा कि मैं स्वयं झारखंड आंदोलनकारी हूं। मेरे नेतृत्व में हजारों हजार लोग अलग राज्य के आंदोलन में सक्रियता से भाग लिए हैं। पूर्वी सिंहभूम के क्षेत्र में निर्मल महतो रतीलाल महतो सुनील महतो सहित कई बड़े नेताओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर झारखंड अलग राज्य के आंदोलन को गतिमान बनाया है इसलिए आंदोलनकारियों की उपेक्षा राज्य की उपेक्षा है हमारे मान- सम्मान की उपेक्षा है। सरकार जीते जी आंदोलनकारियों की पहचान सुनिश्चित करें।  प्रतिनिधिमंडल में झारखंड आंदोलनकारी मनबोध महतो, चीतो महतो, शरद चंद्र महतो ,विश्वजीत प्रमाणित, किशोर मोहन गोप, अमर चौधरी गोप, दुर्योधन महतो, राचु मुर्मू, मलिद्र सिंह, रामनाथ महतो, रवि गोप सहित अन्य प्रमुख थे।

स्मार्ट सिटी में स्पेशल  बंगलो बना कर दिए जाएं
अपनी मांग के समर्थन में संयोजक मनबोध महतो ने बताया कि जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए राज्य गठन की तिथि से सभी झारखंड आंदोलनकारियों को समान रूप से राजकीय मान-सम्मान, जीते जी पहचान, पेंशन, नियोजन, मेडिकल सुविधा परिवार सहित एवं दो बच्चों को शिक्षा दीक्षा केजी से लेकर उच्च शिक्षा तक  तकनीकी शिक्षा सहित निशुल्क दिया जाए। आंदोलनकारियों को समान रूप से 50- 50 हजार रुपया पेंशन/ सम्मान राशि दिया जाए। प्रत्येक आंदोलनकारी को बिना भेदभाव किए पक्का मकान एवं स्मार्ट सिटी में स्पेशल  बंगलो बना कर दिए जाएं। बोर्ड /निगम/ आयोग/ योजनाओं/ परियोजनाओं एवं नीति निर्धारण समितियों  आदि में झारखंड आंदोलनकारियों को प्रतिनिधित्व  प्राथमिकता के तौर पर सुनिश्चित किया जाए। नौकरियों में 5% क्षैतिज आरक्षण कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए हैं उसका लाभ झारखंड आंदोलनकारियों के पुत्र-पुत्रियों को शीघ्र मिले। इसके अतिरिक्त प्रथम दृश्य में झारखंड आंदोलनकारियों के पुत्र पुत्रियों को सभी प्रकार के नौकरियों में सीधी बहाली का लाभ  देकर झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों का मान सम्मान व राज्य का गौरव बढ़ाएं। झारखंड आंदोलनकारियों के लिए कैबिनेट द्वारा बस सेवा निशुल्क देने की सुविधा को जल्द से जल्द बहाल किया जाए।

झारखंड आंदोलनकारी कॉरिडोर का निर्माण हो
झारखंड आंदोलनकारियों को  परिवार सहित आश्रितों को निशुल्क मेडिकल की सुविधाएं सरकारी मान्यता प्राप्त अस्पतालों में दिए जाने की मांग भी झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने की। मोर्चा का कहना है कि राज्य सरकार दिशोम गुरु शिबू सोरेन के झारखंड आंदोलन के संदर्भ में किए गए संघर्ष पर आधारित फीचर फिल्म का निर्माण कराएं। साथ ही साथ सभी झारखंड आंदोलनकारियों के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित धारावाहिक, वृत्तचित्र सहित पाठ्यक्रमों में आंदोलनकारियों के जीवनी को शामिल किए जाएं। झारखंड आंदोलनकारियों  की याद में झारखंड आंदोलनकारी कॉरिडोर का निर्माण हो एवं  प्रखंड एवं जिला स्तर पर जगह जगह  झारखंड आंदोलनकारियों के नामों की शिलापट्ट लगाए जाए। स्कूल ,कॉलेज, मेडिकल एवं सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के नाम झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों के नाम पर हो।  मनबोध महतो ने अपनी मांग पर जोर देते हुए कहा कि झारखंड आंदोलन के अमर पुरोधाओं के नाम पर झारखंड विधानसभा परिसर में विशेष कॉरिडोर का निर्माण हो, झारखंडियों के खुशहाली एवं समृद्धि के लिए समता जजमेंट लागू हो, पेशा कानून लागू हो, सीएनटी/ एसपीटी एक्ट की रक्षा हो, पांचवी अनुसूची का पालन हो, राज्य में अलग से गोरखा रेजीमेंट के तर्ज पर आदिवासी बटालियन का गठन शीघ्रता शीघ्र हो,झारखंड अलग राज्य के मूल्य माय माटी ,भाषा संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन हो. प्रत्येक भाषा की शोध संस्थान, अध्ययन, अध्यापन केंद्र हो , मातृ भाषा में अनिवार्य रूप से प्रथम कक्षा से छह कक्षा तक पढ़ाई- लिखाई सुनिश्चित हो।

समान नागरिक संहिता लागू होने से रोकें
झारखंड में कृषि की संभावना अपार बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि आधारित एवं खनिज आधारित उद्योग धंधे स्थापित किए जाएं। प्रत्येक किसान के खेत में समुचित सिंचाई की व्यवस्था हो, झारखंडियों के  प्रशिक्षण मानक के आधार पर वाणिज्य- व्यापार हेतु ₹25,लाख रुपए तक सब्सिडी में लोन सुलभ कराया जाए। झारखंड के तमाम नौकरियों व पैसा में 100 फीसद झारखंडियों के लिए नौकरी की गारंटी सुनिश्चित हो यथा- जेपीएससी की, शिक्षक, पुलिस, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित तृतीय एवं चतुर्थ वर्गों में, जैसा कि देश के सभी राज्यों में लागू है, उन्होंने बताया कि उद्योग धंधों के विफलता के पश्चात  रैयतो की जमीन वापसी  विधिपूर्वक व नीतिगत हो। विस्थापित हुए परिवार का पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र की सरकार समान नागरिक संहिता झारखंड की परंपरागत व्यवस्था एवं विरासत, झारखंडी पहचान आदिवासियों के अस्तित्व ,सीएनटी -एसपीटी एक्ट को समाप्त करने का साजिश एवं षड्यंत्र है, इसे लागू होने से रोके।

 हमारे वाट्सअप ग्रुप से लिए इस लिंक पर क्लिक करें :https://chat.whatsapp.com/EVBAiUdCPZGL492hCJH8Mw

नोट : अगर आपके पास कोई खबर व जानकारी है तो हमें वाट्सअप नंबर 97081 90012 पर भेजें, हम उस खबर को प्रकाशित करेंगे।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version