टनल में फंसे श्रमिकों के परिजनों को उत्तराखंड में सुविधा दे रही झारखंड सरकार

रांची, गिरिडीह, खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम के श्रमिकों के परिजनों से डीसी की हो रही बातचीत

न्यूज स्टॉपेज डेस्क
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनल में फंसे झारखंड के श्रमिकों का हाल जानने गए उनके परिजनों को हर सुविधा झारखंड सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। बताते चलें कि टनल में फंसे श्रमिकों का हाल जानने उनके परिजन उत्तराखंड पहुंचे हैं। इस बात की जानकारी जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हुई तो उन्हें हर सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिया है। जानकारी के अनुसार टनल में फंसे झारखंड के सभी 15 श्रमिक सुरक्षित हैं।

सबसे ज्यादा श्रमिक पश्चिमी सिंहभूम के हैं
टनल में फंसे झारखंड के श्रमिकों में से सबसे ज्यादा श्रमिक पश्चिमी सिंहभूम के हैं। इस जिले के साथ मजदूर टनल में फंसे हैं। रांची और खूंटी जिला के तीन-तीन मजदूर हैं। जबकि, गिरिडीह के दो श्रमिकों के टनल में फंसने की पुष्टि हुई है। संबंधित जिला के डीसी लगातार श्रमिकों के परिजनों से बातचीत कर स्थिति का जायजा ले रहें हैं। इसके अतिरिक्त प्रवासी नियंत्रण कक्ष भी टनल में फंसे श्रमिकों के परिजनों से लगातार संपर्क में है।

रहने और भोजन की भी की गई है व्यवस्था
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद श्रमिकों के परिवार के सभी सदस्यों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था अधिकारियों के द्वारा कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, श्रमिकों और परिवार के सदस्यों को जैकेट, टोपी और कंबल उपलब्ध कराया गया है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के आदेश के उपरांत 14 नवंबर को टनल में फंसे श्रमिकों की स्थिति से अवगत होने एवं उन्हें सहायता पहुंचाने जैप आईटी के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह, ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद एवं ज्वाइंट लेबर कमिश्नर प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा को उत्तराखंड भेजा गया था। उपरोक्त टीम नौ दिनों तक घटनास्थल पर उपस्थित रही। झारखंड में उनके आवश्यक कार्यों को देखते हुए उनके स्थान पर राकेश प्रसाद, संयुक्त श्रमायुक्त सह अपर निबंधक एवं धनंजय कुमार सिंह, संयुक्त श्रमायुक्त को घटनास्थल पर भेजा गया है। फिलहाल ये पदाधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं।

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