JMA डॉक्टरों के हित के लिए गठित हुआ है, मैनेज होने की अफवाह फैलाई जा रही है : डॉ. सिद्धेश्वर बास्के

न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (झासा) के चुनाव के बाद से विवाद का सिलसिला जो शुरू हुआ वो थमने का नाम नहीं ले रहा है। झासा के चुनाव में रिजल्ट को लेकर झारखंड मेडिकल एसोसिएशन (जेएमए) का गठन एक फरवरी को हुआ। इसका गठन डॉक्टरों के हित के लिए किया गया है। जेएमए के अध्यक्ष के मैनेज होने की बात पूरी तरह से गलत है। ये बातें खुद जेएमए के अध्यक्ष डॉ. सिद्धेश्वर बास्के ने कही। उन्होंने कहा कि झासा के अध्यक्ष डॉ. बिमलेश से मुलाकात हुई जिसमें उन्होंने केंद्रीय कार्यकारिणी में सदस्य बनाए जाने की बात कहते हुए जेएमए संगठन को नहीं चलाने कहा। उस ऑफर को मैंने इंकार कर दिया। क्योंकि मुझे पद की लालसा नहीं है। जो सही बात है वो बोलेंगे। कोई पर्सनल लाभ नहीं चाहिए। जेएमए संगठन डॉक्टरों के हित के लिए बनाया गया है। ऐसे में मैनेज होने का अफवाह फैलाया जा रहा है। ये बात पूरी तरह से गलत है।

क्या है पूरा मामला
शुक्रवार को एक मैसेज वायरल हुआ जिसमें कहा गया कि संगठन के राज्य अध्यक्ष डॉ. बिमलेश और डॉ. बास्के के बीच बहुत ही सौहार्दपूर्ण बातें हुई है। डॉ. बास्की ने अध्यक्ष को आश्वस्त किया है कि अब कोई गिला शिकवा उन्हें नहीं रहेगा। हमलोग उम्मीद करें कि डॉ बास्के अब संगठन के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में मनोनीत किए जा सकते हैं। उनके मनोनयन प्रस्ताव पर अध्यक्ष की सहमति मिल गई है। हालांकि, डॉ. सिद्धेश्वर बास्के ने इस पर कहा कि बातें तो सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई है, लेकिन यह साफ कर दिया गया है कि जेएमए संगठन अपने स्तर से भी कार्य करता रहेगा। मैं झासा का सदस्य हूं और रहूंगा। लेकिन चुनाव में जो गड़बड़ी हुई है उस पर संदेह बरकरार है।

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