न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
वक्फ संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया। इस बिल के पास होने के बाद जहां बिहार के जदयू पार्टी से मुस्लिम नेताओं के इस्तीफा का सिलसिला शुरू हो गया है, उसी प्रकार आजसू में भी इस्तीफा देने की शुरुआत हो गई। रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर प्रत्याशी रहे अशरफ खान उर्फ चुन्नू ने गुरुवार को आजसू पार्टी द्वारा वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में वोट देने से नाराज होकर इस्तीफा दिया था। अब इस कड़ी में आंसू के बड़े नेता खालिद खलील कभी नाम जुड़ गया है। उन्होंने आजसू पार्टी छोड़ने की घोषणा अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से की। खालिद खलील ने दो पोस्ट किया। एक पोस्ट में बाय-बाय आजसू और दूसरे में लिखा कि उसूलों पर जहां आंच आए टकराना ज़रूरी है, जो ज़िंदा हो तो फिर ज़िंदा नज़र आना जरूरी है।
सांसद शहाबुद्दीन की मौत के बाद राजद से खफा होकर दिया था इस्तीफा
कभी बाबूलाल मरांडी के साथ खालिद खलील 14 साल तक साथ थे। उनकी तत्कालीन पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव के पद पर वे थे। 2019 के विधानसभा चुनाव के पूर्व जेवीएम का दामन छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए थे। बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से राजद ने उन्हें अपना उम्मीदवार भी बनाया था। लेकिन सिवान के सांसद मो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद पार्टी के रवैया से वह नाराज हो गए। उनका कहना था कि राजद के आला नेताओं ने अपने वफादार और हमसफ़र मो शहाबुद्दीन की वफा का कर्ज अदा नही किया। जिस पार्टी के लिए उन्होंने अपना जीवन दिया, कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी की, हर मोर्चे पर कठिन समय मे संकटमोचन बने रहे। लेकिन उस शख़्स की अंतिम घड़ी में पार्टी के आला नेताओं की दूरी ने गहरा झटका दिया है। उसके बाद 2021 में इस्तीफा देकर आजसू के साथ जुड़ गए थे। मगर अब वक्फ संशोधन बिल में केंद्र सरकार का साथ देने से नाराज खालिद में आजसू छोड दी।