रतन टाटा को महाराष्ट्र सरकार ने उद्योग रत्न पुरस्कार से किया सम्मानित

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न्यूज स्टॉपेज डेस्क

विश्वास का प्रतीक है टाटा : सीएम

मुंबई : देश के दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को महाराष्ट्र सरकार ने ‘उद्योग रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया है. महाराष्ट्र सरकार ने पहला ‘उद्योग रत्न’ पुरस्कार 85 वर्षीय रतन टाटा को दक्षिण मुंबई के कोलाबा स्थित उनके आवास पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार ने प्रदान किया. इस सम्मान में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम की ओर से एक शॉल, एक प्रशस्ति पत्र और एक स्मृति चिन्ह शामिल था. रतन टाटा को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि रतन टाटा को ‘उद्योग रत्न’ के रूप में सम्मानित करने से पुरस्कार की प्रतिष्ठा बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में टाटा समूह का योगदान बहुत बड़ा है और टाटा विश्वास का प्रतीक है. पुरस्कार पाने के बाद 85 वर्षीय रतन टाटा ने सभी को धन्यवाद दिया. महाराष्ट्र सरकार ने पिछले 28 जुलाई को महाराष्ट्र उद्योग रत्न पुरस्कार रतन टाटा को देने का ऐलान किया था.

ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान

इसी साल अप्रैल में रतन टाटा को ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया से सम्मानित किया गया था. कंपनी को आसमान की बुलंदियों पर पहुंचाने वाले रतन टाटा देश के अमीरों में शामिल हैं और उनकी संपत्ति करीब 4,000 करोड़ रुपये है. मार्च 2023 मे आईआईएफएल वेल्थ हरण इंडिया रिच 2022 में रतन टाटा भारतीय अमीरों की लिस्ट में 421वें नंबर पर थे. वहीं इससे पिछले साल यानी 2021 की रिपोर्ट में उन्हें 3,500 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 433 पायदान पर रखा गया था.

1991 में संभाला था कारोबार

बड़े कारोबारी ग्रुप की कमान संभालने से पहले रतन टाटा ने एक कर्मचारी की तरह 70 के दशक में टाटा स्टील जमशेदपुर में काम किया. बारीकियां समझीं और फिर अपनी मेहनत और काबिलियत की दम पर टाटा के कारोबार को बुलंदियों पर पहुंचाया. रतन टाटा ने 1991 में पूरे ग्रुप की कमान अपने हाथों में ली थी.

बड़े दानदाताओं में शामिल रतन टाटा

रतन टाटा की गिनती देश के सबसे परोपकारी लोगों में की जाती है. इसका कारण ये है कि टाटा ट्रस्ट के माध्यम से वे बड़े पैमाने पर परोपकारी कार्यों से जुड़े रहते हैं और वे अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा परोपकार में दान या खर्च कर देते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो रतन टाटा अपनी कमाई का 60 से 70 फीसदी तक दान कर देते हैं, उन्होंने ने कोरोना महामारी के समय करीब 1500 करोड़ रुपये दान किए थे.

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