न्यूज स्टॉपेज डेस्क
सदर अस्पताल रांची परिसर में बीते दिनों दो नाबालिग से दुष्कर्म की घटना के बाद से अस्पताल प्रशासन सकते में हैं। यही वजह है कि घटना के बाद जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर बिमलेश ने डॉक्टर हॉस्टल का जायजा लिया तो पाया कि यहां 46 लोग अवैध रूप से रह रहे थे। इसके बाद सभी को हॉस्टल से खाली करा दिया गया। इस संबंध में सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल के उपाधीक्षक को जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। साथ ही हॉस्टल को पूरी तरह से लॉक कर दिया गया है। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि हॉस्पिटल में भी विजिलेंस रखी जा रही है। ताकि, किसी प्रकार की कोई घटना भविष्य में न घटे।
अवैध रूप से रहने वालों पर जिम्मेदारों ने नहीं दिया ध्यान
अस्पताल परिसर में 10 वर्ष पहले डॉक्टर हॉस्टल बनाया गया था। इसी हॉस्टल के एक कमरे में शुक्रवार की देर रात दो नाबालिग के साथ दुष्कर्म की वारदात हुई, जिसमें एक ट्रॉली मैन भी शामिल था। दरअसल यहां गार्ड, ट्रॉली मैन सहित अन्य स्टॉफ अवैध तरीके से रह रहे थे। लेकिन हैरत की बात यह है कि अवैध रूप से रहने वालों पर जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। हालांकि, इस संबंध मं सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश का कहना है कि बिल्डिंग हैंडओवर नहीं होने से ध्यान उस ओर नहीं जा पाया। हालांकि, बीते दिनों अवैध रूप से लोगों के रहने की सूचना मिली थी। कार्रवाई होती इस बीच यह घटना घट गई।
हॉस्टल का होना है जीर्णाेद्धार
10 साल पहले बने हॉस्टल भवन की स्थिति जर्जर है। यहां पानी और बिजली की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, मिली जानकारी के अुसार इस हॉस्टल का जीर्णाेद्धार की तैयारी विभाग की ओर से हो रही है। इस भवन का रिनोवेशन कराने के बाद ट्रेनी डॉक्टर को यहां हॉस्टल आवंटित किया जाएगा।