साम्प्रदायिक-भेदभाव पूर्ण भाषा का प्रयोग कर रहे मोदी, भाजपा की राष्ट्रीय राजनैतिक दल की मान्यता निलंबित करे चुनाव आयोग- जेएमएम

प्रधानमंत्री के भाषण को लेकर झामुमो ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से की शिकायत

न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
भाजपा के स्टार प्रचारक सह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार और शनिवार को झारखंड के विभिन्न स्थानों पर जनसभाएं की। झामुमो का आरोप है कि वे चुनावी सभाओं में अपने भाषण के दौरान धर्म सम्प्रदाय विशेष (मुसलमान / इस्लाम) के विरूद्ध साम्प्रदायिक एवं भेद-भाव पूर्ण भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। इसको लेकर झामुमो ने भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से शिकायत की है। झामुमो के महासचिव सुप्रियो मट्टाचार्य के हस्ताक्षर किये गए शिकायत पत्र में कहा गया है कि 03 मई 2024 को सिंहभूम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पश्चिमी सिंहभूम के जिला मुख्यालय चाईबासा में और 04 मई 2024 को पलामू जिले के मेदनीनगर (डाल्टेनगंज) तथा गुमला जिला के सिसई प्रखंड मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत लोकसभा उम्मीदवारों के पक्ष चुनावी सभाएं की। जिसमें उन्होंने आधारहीन एवं तथ्यों से परे भाषण के रूप में गैर संसदीय भाषा का प्रयोग किया। मुस्लिम समुदाय के विषय में नफरती शब्दों का प्रयोग किया गया। जो न केवल साम्प्रदायिक सौहार्द को विचलित करने वाला है और झारखण्ड जैसे शान्ति पूर्वक राज्य जिसमें आदिवासी, मूलवासियों का एक साझा विरासत है, को खण्डित करने का कुत्सित प्रयास के रूप में भी देखा जा सकता है।

धर्म का इस्तेमाल करना गलत
जेएमएम ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने एक राजनैतिक दल के तौर पर अपने निबंधन के लिए जिन शपथ वाक्य पर हस्ताक्षर कर एक राजनैतिक दल के रूप में आपके आयोग द्वारा राजनैतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त की। उस दल के स्टार प्रचारक नरेन्द्र मोदी के लगातार दिये जा रहे भाषणों में धर्म का इस्तेमाल करना अनुचित है। साथ ही अपने शपथ पत्र में उल्लेखित प्रावधानों के विरूद्ध भी है। ऐसा3 में सुनिश्चित की जाय कि भाजपा के किसी भी स्तर के स्टार प्रचारक धर्म-सम्प्रदाय के खिलाफ अनर्गल वक्तव्य न दें एवं अपने निर्वाचनी घोषणा पत्र अनुसार ही अपनी बातों को रखें तथा सरकार में रहते हुए आम जनों के अधिकार एवं सम्मान के लिए किये गए कार्यों को ही उल्लेख करें।

स्पष्टीकरण भी भाजपा से मांगी जाए
झामुमो ने चुनाव आयोग से यह भी आग्रह किया कि भाजपा के स्टार प्रचारकों के द्वारा जिस प्रकार के वक्तव्य दिये जा रहे हैं, उससे यह सहज जिज्ञासा होता है कि क्यों नहीं भारतीय जनता पार्टी के एक राष्ट्रीय राजनैतिक दल के मान्यता को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण (24) घंटे के अंदर) प्राप्त कर सार्वजनिक किया जाय।

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