न्यूज स्टॉपेज डेस्क
राज्य के पूर्व मंत्री और हुसैनाबाद के एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की सुरक्षा में रहेंगे। दरअसल नक्सलियों की हिट लिस्ट में आने के बाद कमलेश सिंह की सुरक्षा केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद बढ़ाई गई है। बताते चलें कि विधायक और उनके परिजन नक्सलियों की हिट लिस्ट में हैं। ऐसे में सुरक्षा प्रदान करने के पहले गृह मंत्रालय और सीआरपीएफ की उच्चस्तरीय टीम ने पलामू जाकर समीक्षा की थी। इस दौरान टीम के सदस्यों ने पलामू जिला प्रशासन से भी विमर्श भी किया था। सुरक्षा मिलते ही कमलेश सिंह राज्य के दूसरे ऐसे नेता हो गए हैं जो सीआरपीएफ की सुरक्षा घेरे में रहेंगे। कमलेश सिंह से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की सुरक्षा में सीआरपीएफ की टुकड़ी को तैनात किया गया है।
हेमंत सोरेन सरकार से समर्थन लिया है वापस
कमलेश कुमार सिंह ने एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार का साथ छोड़कर अजीत पवार गुट का समर्थन किया है। इसके बाद उनके खिलाफ महाराष्ट्र के विधायक ने झारखंड के स्पीकर के न्यायालय में शिकायत की। स्पीकर न्यायाधिकरण में दलबदल का मामला चल रहा है। इस बीच बीते दिनों कमलेश सिंह ने राज्य की हेमंत सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी।
सरकार ने सुरक्षा घटा दी थी- कमलेश
कमलेश सिंह का कहना है कि उन्हें सुरक्षा देने का काम राज्य सरकार कि थी, मगर केंद्र की सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई है। सुरक्षा उपलब्ध कराने को लेकर उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह, एनसीपी के अजीत पवार, झारखंड प्रभारी प्रफुल पटेल का आभार जताया है। विधायक कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि उनका पूरा परिवार नक्सलियों के निशाने पर रहा है। इसके बावजूद समर्थन वापस लेने के कारण राज्य सरकार ने उनकी सुरक्षा घटा दी थी।