न्यूज स्टॉपेज डेस्क
अंजुमन इस्लामिया रांची के द्वारा बुधवार 2 अगस्त को रहमानिया मोसाफिरखाना रांची में जिम्मेदार संगठनों, सामाजिक लोगों एवं अधिवक्ताओं के साथ एक बैठक की गई। जिसमें 10 जून की दुर्भाग्यपूर्ण घटना,अल्पसंख्यकों के संवैधानिक संस्थानों का योग्य व्यक्तियों के साथ अविलंब गठन पर चर्चा हुई। बैठक में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि रांची में हुई 10 जून की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सिविलियन बनाम पुलिस हुई थी। मगर पुलिस ने मुस्लिम समाज को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। अभी भी पुलिस का रवैया एकपक्षीय है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के 14 महीने हो चुके है पर अभी तक जांच का भी अता-पता नही है। जो अब सार्वजनिक होनी चाहिए।
आंदोलन की रूपरेखा होगी तैयार
विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस पूरी घटना अन्य मामलों समेत मुस्लिम समाज की पीड़ा को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा मिलकर अवगत किया जा चुका है। हमलोग उम्मीद करते है कि हेमंत सरकार गंभीरता पूर्वक होकर उचित इंसाफ़ देने का कार्य करेंगे। बताते चलें कि वक्फ बोर्ड सहित अल्पसंख्यकों के विभिन्न मामलों को लेकर मुख्यमंत्री से लगातार कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। इधर, अल्पसंख्यकों के ज्वलंत और गंभीर मुद्दों पर एक बड़ी बैठक आगामी रविवार को होगी। जिसमें लोकतांत्रिक और संवैधानिक रूप से चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
बैठक में ये रहे उपस्थित
बैठक में अंजुमन इस्लामिया रांची के अध्यक्ष मोख्तार अहमद,महासचिव डॉ तारिक हुसैन,उपाध्यक्ष मो नौशाद,जमीतुल इदरीसीया चौरासी पंचायत,रांची के अध्यक्ष इस्लाम इदरीसी,जमीतुल राईन रांची के अध्यक्ष हाज़ी फ़िरोज़,जमीतुल चिक पंचायत के अध्यक्ष मो नईम,जमीतुल गद्दी पंचायत के अध्यक्ष मेराज गद्दी,झारखंड मुस्लिम युवा मंच के अध्यक्ष मो शाहिद अय्यूबी, आम जनता हेल्पलाइन के अध्यक्ष एजाज गद्दी,अधिवक्ता अज़हर खान,अधिवक्ता फैज़ुल रहमान, पत्रकार फिरोज ज़िलानी,सामाजिक कार्यकर्ता मो नेहाल,नदीम खान,मो ज़ाहिद,अंजुमन के नूर आलम, मो नजीब,मो वसीम,साज़िद उमर, सामाजिक कार्यकर्ता इम्तियाज सोनू,मो आबिद,मो फिरोज,कलीम खान,फ़ैयाज़ गद्दी समेत अन्य शामिल थे.
हमारे वाट्सअप ग्रुप से लिए इस लिंक पर क्लिक करें :https://chat.whatsapp.com/EVBAiUdCPZGL492hCJH8Mw