न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
हरियाणा के झज्जर गांव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी अखाड़ा में उतरे। कुश्ती के दांव पेंच सीखी। पहलवान बजरंग पूनिया से दो-दो हाथ भी किया। दरअसल अवार्ड वापसी प्रकरण के बाद राहुल गांधी अचानक से हरियाणा के झज्जर स्थित छारा गांव पहुंचे थे। आधे घंटे से ज्यादा समय तक राहुल गांधी भाई वीरेंद्र के अखाड़े में रुके। खिलाड़ियों से बातचीत की।
अखाड़े की जगह सड़कों पर न्याय की लड़ाई लड़नी पड़ी तो…
राहुल गांधी ने खुद सोशल मीडिया पर फोटो जारी करते हुए लिखा कि वर्षों की जीतोड़ मेहनत, धैर्य एवं अप्रतिम अनुशासन के साथ अपने खून और पसीने से मिट्टी को सींच कर एक खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल लाता है। आज झज्जर के छारा गांव में भाई विरेंद्र आर्य के अखाड़े पहुंच कर ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान भाइयों के साथ चर्चा की। सवाल सिर्फ एक है – अपने अखाड़े की लड़ाई छोड़ अगर इन खिलाड़ियों, भारत की बेटियों को अपने हक और न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़े तो कौन अपने बच्चों को यह राह चुनने के लिये प्रोत्साहित करेगा?
यह किसान परिवार के निश्छल, सीधे एवं सरल लोग हैं, इन्हें तिरंगे की सेवा करने दीजिए। इन्हें पूरे मान और सम्मान के साथ भारत का सर गौरव से ऊंचा करने दीजिए।
जाने क्या है पूरा मामला
WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट सहित कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही मामला काफी काफी गर्माया हुआ है। मालूम हो कि 21 दिसंबर को WFI का चुनाव हुआ था। जिसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ही करीबी संजय सिंह नए चीफ बने हैं। इससे आहत होकर पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। जबकि पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री वापस कर दिया। इधर, खिलाड़ियों के लगातार विरोध को देखते हुए रविवार को खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को सस्पेंड कर दिया।