-राज्य सरकार शीघ्र कमेटी गठित कर हजारों निवेशकों का जमा धन कराए वापस
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
कांके। माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड भुवनेश्वर उड़ीसा में गरीबों का 16 करोड़ रुपए जमा है। सरकार उसे वापस दिलाने की पहल करे। नहीं तो सैकड़ों एजेंट आत्महत्या कर सकते हैं। यह बातें रविवार को उक्त चिटफंड कंपनी से जुड़े एजेंटों ने रविवार को महाराजा मदरा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम पतरातू (रिंग रोड कांके) में बैठक की। बैठक पश्चात पोस्टर लेकर कंपनी में जमा धन वापस करो की मांग को लेकर नारेबाजी की और कहा कि माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड (चिटफंड कंपनी) भुनेश्वर उड़ीसा की कंपनी जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 1983 से निबंधित कंपनी है। इसका राज्य निबंधन संख्या 15/ 1232/ 83 है। जो झारखंड राज्य में 2001 से कार्य कर रही थी। इसमें सिर्फ रांची जिले के लगभग 15000 निवेशकों का करीब 16 करोड रुपया जमा है। रांची जिला के कंपनी के सभी शाखाएं वर्ष 2014 में कंपनी के खिलाफ सीबीआई जांच होने के पश्चात से बंद हैं। इस कंपनी के रांची जिला के कांके, हिनू, बूटी मोड़, पिठोरिया, ओरमांझी, गेतलसूद, गोंदली पोखर के सभी का कार्यालय बंद हो चुके हैं। इसी तरह राज्य के कई जिलों में इस कंपनी की शाखा थी वह भी बंद हो चुकी है। इस कंपनी के प्रोपराइटर दुर्गा प्रसाद मिश्रा, उपेंद्र मिश्रा, सागर मिश्रा, और काली प्रसाद मिश्रा है।
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सेबी ने 2016 में दिया था पैसा वापस करने का ऑर्डर
फाइनेंस कंपनी के एजेंटों के अनुसार वर्ष 2014 में यह कंपनी सीबीआई जांच के नाम से बंद हो गई। फिर सेबी 2016 में निवेशकों का पैसा वापस करने का ऑर्डर दिया। लेकिन सीबीआई जांच के नाम पर पैसा नहीं मिला। वर्ष 2016 से 2023 तक सीबीआई की जांच चल रही है। मगर गरीब निवेशकों का पैसा ना तो सेबी वापस कर रहा है, ना ही कंपनी वापस कर रही है।
कंपनी के खाते में 200 करोड़ है जमा
एजेंटों ने बताया कि कंपनी के खाता में 200 करोड़ रुपया जमा है। कंपनी की संपत्ति में कई होटल कई चैनल और जमीने हैं। जो सभी कार्य कर रहे हैं। और इससे कंपनी को आय भी हो रही है। 5 वर्ष पूर्व रांची और खूंटी जिला के निवेशकों का निवेश संबंधी सभी पेपर सीबीआई पैसा वापस देगी यह कहकर कंपनी वापस भी जमा करा लिया है। लेकिन अभी तक निवेशकों का रुपया जमा धन वापस नहीं मिला है। निवेशकों से जमा ली गई राशि एजेंट कंपनी में माइक्रो लीजिंग एंड फंडिंग लिमिटेड और माइक्रो क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम पर जमा करते थे। इसके बाद प्रत्येक माह बिल, वाउचर, पूरे कागजात बनाकर कंपनी के अकाउंट में निवेशकों की राशि जमा कर दी जाती थी।
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हो रही है मानसिक पीड़ा
केंद्र सरकार, सेबी, सीबीआई और न्यायालय के चक्कर में निवेशकों और एजेंटों को जमा धन वापस नहीं मिलने के कारण काफी मानसिक पीड़ा हो रही है। शहर, गांव, देहात के काफी छोटे छोटे गरीब निवेशक अपने गाढ़ी कमाई के जमा पूंजी के लाखों रुपए इस फाइनेंस कंपनी में निवेश किए थे। लेकिन इन लोगों का पैसा वापस नहीं हो रहा है। इसीलिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार कमेटी गठित कर निवेशकों का जमा धन वापस कराए। एक राहत कोष का गठन करें। एजेंटों ने कहा कि निवेशकों का पैसा जमा धन वापस मिले इसको लेकर हम आगे भी आंदोलन करेंगे। मौके पर राजकुमार महतो, मजबूल खान, झलकू महतो, बलराम महतो, सुजीत उरांव, अंजू देवी, मुन्नी देवी, गीता देवी, रमेश महतो, अशोक सिंह, बलराम साहू, उमेश कुमार, मो. हसीब अहमद, राम सुंदर महतो सहित कई थे।
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