न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
झारखंड में सूचना अधिकार अधिनियम कानून 2005 दम तोड़ती नज़र आ रही है। 12 अक्टूबर 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम कानून लागू हुआ था। इस कानून को लागू हुऐ 18 वर्ष होने को हैं। अधिकतर राज्य में सरकार की लापरवाही के कारण सूचनाधिकार कानून कमजोर नजर आ रहा है। ये बातें जन सूचना अधिकार मंच,रांची की ओर से कही गई। मंच की ओर से गुरुवार को रांची के अल्बर्ट एक्का एक्का चौक में सूचना अधिकार कानून को बहाल करने को लेकर प्रदर्शन किया गया। मंच का कहना है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनाई गई सरकार का कार्यकाल लगभग 3 वर्ष से अधिक होने जा रहा है। सरकार ने बिना विपक्ष की सूचना आयोग की नियुक्ति करने की घोषणा की थी। परंतु मुख्यमंत्री ने अब तक सूचना आयोग की नियुक्ति नहीं की यह सिर्फ एक घोषणा बनकर रहे गया।
मुख्य सूचना आयुक्त का पद अब तक है खाली
सरकार सूचना का अधिकार कानून 2005 को लेकर संवेदनशील/ जागरूक नजर नहीं आती। उसके कारण झारखंड राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का पद अब तक रिक्त (पढ़ा) खाली है। जिसकी वजह से द्वितीय अपील सुनवाई के लिए कई हज़ार आवेदन आयोग में पेंडिंग है। इसलिए जन सूचना अधिकार मंच,रांची के द्वारा सरकार को यह बताने का काम किया गया। सरकार की इस वजह से सरकारी पदाधिकारी के बीच में सूचना का अधिकार कानून के प्रति डर और भया नहीं हैं। मंच की ओर से सरकार से कई मांग की गई। इन मांगों को लेकर संगठन की ओर से जन सूचना अधिकार, मंच के संयोजक-मोहम्मद अकरम राशिद, इंजीनियर शाहनवाज, नौरीन अख्तर, (छात्रनेता),सोनाली केवट,सुफियान, रयान,फरहान,नसीम आलम,नूर आलम ने अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया।
मंच की मुख्य मांगे
(1) मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति अब तक क्यों नहीं राज्य सरकार जवाब दो।
(2) रिटायर्ड जज को मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर बहाल करो।
(3)द्वितीय अपील की सुनवाई समयबुद्ध किया जाये।
(4) अल्पसंख्यक समुदाय से सूचना आयुक्त बहाल करो।
(5)आम आदमी के अधिकार को बहाल करो।
(6) भ्रष्टाचारियों पर भय सूचना अधिकार का होना चाहिए।
(7)भ्रष्टाचार, गैरजिम्मेदार,असंवेदनशील,लापरवाही का काल हैं सूचनाधिकार कानून।
(8) समय पर सूचना दो पर्याप्त सूचना दो।
(9) केंद्र एवं राज्य सरकार सूचना अधिकार कानून पर जागरूकता हेतु इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से(प्रचार प्रसार) विज्ञापन जारी करो।
(10)आयोग में सुनवाई हेतु अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य करो।