न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रिम्स परिसर से चलने वाले प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों को और खुद को मंत्री-विधायक का प्रतिनिधि बताने वालों पर प्रबंधन से सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। दरअसल हाल के कुछ दिनों में अस्पताल परिसर में हुई सुरक्षा संबंधी घटनाओं एवं विभिन्न श्रोतों से मरीज़ो से पैसे उगाही संबधी प्राप्त सूचना के आलोक में रिम्स प्रबंधन ने कई कदम उठाया है। इसके तहत रिम्स परिसर में उपलब्ध सभी निजी एंबुलेंस संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपना पूरा डिटेल 72 घंटों के अंदर जमा करें।
डिटेल में क्या क्या करना होगा जमा
प्रबंधन की ओर से कहा गया कि संस्थान परिसर में उपलब्ध निजी एम्बुलेंस का पूर्ण विवरण (निबंधन संख्या साक्ष्य सहित, एंबुलेंस का मॉडल नाम, मालिक का नाम, चालाक का नाम, लाइसेंस एवं मोबाइल संख्या) 72 घंटे के अंदर अपर चिकित्सा अधीक्षक, रिम्स रांची के कार्यालय में जमा करेंग।
मंत्री-विधायक के प्रतिनिधि को देना प्राधिकार पत्र
रिम्स अस्पताल परिसर में कई व्यक्ति मंत्री या विधायक के प्रतिनिधि के रूप में अस्पताल में कार्य कर रहे हैं। लेकिन इनमें वाकई सभी सही हैं या कोई गलत दावा कर रहा है। इसको लेकर भी रिम्स प्रबंधन ने खुद को प्रतिनिधि बताने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों की संपूर्ण व्यक्तिगत सूचना व प्राधिकार पत्र 72 घंटो के अंदर अपर चिकित्सा अधीक्षक रिम्स के कार्यालय में जमा करेंगे। रिम्स प्रबंधन की ओर से स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिना प्राधिकार पत्र के अस्पताल परिसर में पाए जाने पर ऐसे व्यक्ति अवैध माने जाएंगे। ऐसे व्यक्तियों पर यथोचित कार्यवाई की जाएगी।
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