न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
रांची। रांची सांसद संजय सेठ ने इंडिया गठबंधन पर हमला बोला और बड़े पैमाने पर रांची में हो रहे गोवंशीय पशु तस्करों को सरकार द्वारा संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया। सेठ ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं के द्वारा लगातार सनातन पर हमला बोला जा रहा है। सनातनी भावनाओं पर कुठाराघात किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इन नेताओं के द्वारा सनातन को मिटाने की बात कही जा रही है। इन्हें सोचना चाहिए की जो सनातन मुगलों की तलवार से नहीं मिटा। अंग्रेजों के अत्याचार से नहीं मिटा, वह सनातन उनके बोलने भर से मिट नहीं जाएगा। ऐसे नेता जो कभी सनातन से जुड़े हुए थे। उन्होंने खुद लालच में आकर अपना धर्मांतरण कर लिया।
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन से जुड़े उन तमाम दलों को अपने-अपने राज्य की जनता के समक्ष पर सफाई देनी चाहिए। मैं झामुमो और कांग्रेस के झारखंड के नेताओं से मांग करता हूं कि यह जनता के सामने बताएं कि सनातन को मिटाने का जो बयान दिया गया है, उस पर इनका क्या स्टैंड है?
इसके बाद धार्मिक न्यास बोर्ड ने जिस तरह से पहाड़ी मंदिर में समिति का गठन किया , मेन रोड में संकट मोचन मंदिर में समिति का गठन किया , यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। पहाड़ी मंदिर में पूर्व से ही एक समिति काम कर रही है, जिसके अध्यक्ष डीसी हैं, सचिव एसडीओ हैं। जबकि मेन रोड का संकट मोचन मंदिर महंत परंपरा से संचालित होता है। इस तरह धार्मिक न्यास बोर्ड ने राजनीतिक आड़ में भारतीय संविधान का भी मजाक उड़ाया है और हमारी महंत परंपरा को भी चुनौती दी है। सेठ ने पत्रकारों से यह भी कहा कि रांची में जिस तरह से बड़े पैमाने पर गोवंशीय पशुओं की न सिर्फ तस्करी हो रही है बल्कि दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा यह सब सरकार के संरक्षण में हो रहा है। इस पर सरकार अविलंब रोक लगाते हुए तस्करों की सूची तैयार कर जेल भेजने का काम करें। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की सरकार में ही गोवंशीय पशु क्रूरता अधिनियम 2005 लागू किया गया है ,सभी वधशालाओं को बंद करा दिया गया है लेकिन इस सरकार में तस्करों को छूट मिली हुई है जो ग़लत परंपरा की शुरुआत है। मौके पर संजय पोद्दार उपस्थित थे।
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