रिम्स परिसर में सरस्वती पूजा सीमित तरीके से होगा आयोजित

सुरक्षा प्रदान करने को लेकर डीसी को भेजा जा रहा पत्र
न्यूज स्टॉपेज डेस्क

रिम्स परिसर में सरस्वती पूजा के आयोजन की अनुमति रिम्स प्रबंधन ने दे दी है। मगर यह आयोजन भव्य तरीके से नहीं होगा। इसे सीमित तरीके से आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसके पीछे सुरक्षा और कानून-व्यवस्था से संबंधित चिंता प्रबंधन ने बताई है। प्रबंधन ने रोक लगाने का कारण भी बताया। प्रबंधन को छात्रों द्वारा सूचित किया गया कि पूजा के आयोजन हेतु 70 प्रतिशत तैयारी की जा चुकी है। पैसे भी दिए जा चुके है। जिसके पश्चात निदेशक रिम्स एवं संकायाध्यक्ष के निर्देशानुसार, छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर समिति में शामिल डॉ शिव प्रिय, डॉ लखन मांझी, डॉ सुनंदा झा, डॉ रेखा शर्मा, डॉ देवेश कुमार, डॉ संदीप कुमार ने इस वर्ष पूजा को फैकल्टी सदस्यों के संरक्षण में प्रतिबंधित तरीके से सीमित समय के लिए आयोजित करने का निर्णय लिया है। समिति ने छात्रों की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। इसके अलावा रिम्स प्रबंधन द्वारा डीसी को पूजा के दिन प्रशासन द्वारा सुरक्षा प्रदान करने हेतु पत्र भी भेजा जा रहा है।

24 जनवरी की घटना को लेकर बनाई समिति
प्रबंधन का कहना है कि 24 जनवरी को कोकर में रिम्स के कुछ छात्रों और बाहरी लोगों के बीच हुई झड़प में 2023 बैच का एक एमबीबीएस छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया था। छात्र के सर पर गंभीर चोट लगी थी। वह जीवन मृत्यु से जूझ रहा था। उसे जीवन रक्षक उपकरणों पर रखते हुए इलाज चल रहा था। इस घटना के बाद कैंपस में काफी तनावपूर्ण स्थिति थी। प्रबंधन ने छात्रों के सुरक्षा हितों एवं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इस घटना में शामिल उन बाहरी लोगों पर सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। वहीं, उक्त घटनाक्रम के सन्दर्भ में एक जांच समिति का भी गठन प्रबंधन ने किया है। इस समिति में डॉ शशि बाला सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ शिवप्रिये, डॉ अनूपा प्रसाद, डॉ मेरी पुष्पा बारा, डॉ लखन माँझी, डॉ सुनंदा झा शामिल हैं।

देश के किसी मेडिकल कॉलेज में नहीं होता ऐसा आयोजन
प्रबंधन ने पूरी घटना के पश्चात छात्रों की सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका पर सरस्वती पूजा का आयोजन स्थगित करने का निर्णय लिया था। प्रबंधन ने आयोजन को स्थगित करने के और भी कई कारण बताए। कहा जिस तरीके से यहां पूजा का आयोजन किया जाता है, वैसा देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में नहीं किया जाता। पूजा के दिन देर रात तक संगीत संचालन एवं आतिशबाजी से रोगी परेशान होते हैं। अस्पताल एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। जहां ऊंची आवाज में संगीत बजाना एवं आतिशबाजी की अनुमति नहीं होती है।

जिंदगी से जंग लड़ रहे मरीज, डॉक्टर करते हैं आतिशबाजी
निदेशक प्रो. डॉ राजकुमार ने भव्य पूजा आयोजन को लेकर कहा कि एक ओर जहां मरीज जिंदगी की जंग लड़ रहे होते हैं। दूसरी ओर उसी कैंपस में चिकित्सकों द्वारा पूजा के नाम पर रात को ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर चलाते हैं। आतिशबाजी करते है। ऐसा सिर्फ रिम्स में होता है। पूर्व में पूजा के दौरान छात्रों द्वारा मारपीट करना। पूजा के आयोजन हेतु बाहरी लोगों से चंदा जमा कर उन्हें परिसर में अनाधिकृत प्रवेश देना। प्रो राजकुमार ने कहा कि पूजा के नाम पर शायद ही किसी अन्य राज्य के मेडिकल कॉलेज में कैंपस के बाहर इस तरह चंदा मांगा जाता है, जैसा यहां होता है। साथ ही पूजा के आयोजन में शामिल एक छात्र अभी जीवन और मौत की लड़ाई लड़ रहा है, इसलिए प्रबंधन को भव्य आयोजन का औचित्य सही नहीं लगा। हालाकि, सोशल मीडिया पर इस निर्णय को धार्मिक पहलू देते हुए चर्चाएं चल रही है पर इसके विपरीत यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया था।

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