न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची के सदर एसडीओ उत्कर्ष कुमार ने सोमवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। डीसी मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर किए गए इस औचक निरीक्षण के दौरान एसडीओ ने सफाई व्यवस्था, दवाओं की उपलब्ध्ता और मरीजों को दी जा रही सेवाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने रजिस्ट्रेशन कांउटर, ऑर्थाे, गाइनी, इमरजेंसी के ओपीडी, टीबी और एड्स के सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने अस्पताल में कई जरूरी सुधार के निर्देश दिए। साथ ही सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को किस प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए मुख्य द्वार में अलग से साइनेज स्थापित करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया।
स्त्री रोग विभाग और ऑर्थाे में डॉक्टर की संख्या बढ़ाएं
निरीक्षण के क्रम में एसडीओ ने स्त्री रोग विभाग और ऑर्थाे में डॉक्टर की संख्या बढ़ाने को लेकर सलाह दी है। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने पाया कि स्त्री रोग और ऑर्थाे में मरीजों की भारी भीड़ है। पता करने पर पता चला कि 250 से अधिक मरीज हर दिन ओपीडी में पहुंचते हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि डॉक्टर की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
डॉग बाइट के मामले प्रतिमाह 5500 से अधिक आ रहे हैं
इमरजेंसी वार्ड में निरीक्षण के दौरान डॉग बाइट के अधिक मामलें पाए गए। पता चला कि प्रतिमाह 5500 से अधिक डॉग बाइट के केस आ रहें है। इस संबंध में एसडीओ ने नगर निगम के अपर प्रशासक से अनुरोध किया है कि वार्ड-वार टीकाकरण कार्यक्रम आदि के संबंध में तेजी लाने की जरूरत है।
एआरटी सेंटर स्थापित करने की एसडीओ ने दी सलाह
निरीक्षण के क्रम में एसडओ ने पाया कि एड्स के लिए आईसीटीसी कार्यरत है। प्रतिवर्ष 40 से 50 पोजेटिव मरीज पाए जा रहें है। ऐसे में इनके समुचित ईलाज के लिए सदर अस्पताल में ही एआरटी सेंटर कार्यरत करने पर विचार किया जा सकता है। टीबी वार्ड के निरीक्षण में पाया गया कि एमडीआर और एक्सडीआर के संबंध में जागरूकता लाई जा सकती है। टीबी के मरीजों में ड्रग सेंसिटिविटी टेस्टिंग भी 55 प्रतिशत है। जबकि, 80 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए। एसडीओ द्वारा अस्पताल के साफ-सफाई, डाक्टर और नर्स की उपस्थिति एवं भोजन की गुणवत्ता आदि संतोषजनक थी।