मणिपुर में बसी बसाई गृहस्थी छोड़ वापस लौटा सिमडेगा का परिवार

न्यूज स्टॉपेज डेस्क

सिमडेगा:- जिले के सदर प्रखंड के तुमडेगा गिरजाटोली निवासी सेलस्टीन 50 साल पहले मणिपुर जा कर बस गए थे। लेकिन अपने परिवार की जान उन्हें सबसे महत्वपूर्ण लगी और फिर से अपनी जन्म भूमि की ओर लौटने को मजबूर हो गए। जी हां यहां बात हो रही है मणिपुर में हिंसा की हालात का इतना भयावह रुप जो सिमडेगा जिले के निवासी की 50 साल की बसी-बसायी गृहस्थी को छोड़ वापस गांव लौटना पड़ा। वह भी कुकी समुदाय की अपनी बहू की प्राण रक्षा के लिए। स्लेस्टीन अपनी बहू नेन्ग खोलमा और परिवार के 19 सदस्यों के साथ परेशानियों को झेलते हुए सिमडेगा लौटे। सोमवार को सिमडेगा के तुमडेगा में सलेस्टीन ने बताया कि मणिपुर में विभाजन इतना गहरा हो गया कि दोनों तरफ के लोग एक- दूसरे के खून के प्यासे हैं। चूंकि मेरी बहू कुकी है तो इसके साथ मेरे पूरे परिवार पर खतरा मंडरा रहा था। संकट से बचने के लिए हमलोगों ने वहां से निकलने का फैसला लिया। किसी तरह जंगल के रास्ते आर्मी कैंप तक पहुंचे। वहां एक परिचित आर्मी जवान की मदद से गुवाहाटी पहुंचे। फिर गुवाहाटी से सिमडेगा आए।

जान बचाकर जंगल भागे, भीड़ ने जला दिया घर

सलेस्टीन ने बताया कि हिंसा की आग उनके गांव तक भी पहुंची। बहू और परिवार को बचाने के लिए वह घर बार छोड़कर जंगल में भाग गए। घर से भागने के दूसरे दिन पता चला कि उनके घर को जला दिया गया।सलेस्टीन ने बताया कि छोटे बच्चों के साथ जंगलों में छुप कर रहना पड़ा कुछ दिनों तक वह छोटे बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पहाड़ों, जंगलों में छुपे रहे। बीस किलोमीटर पैदल चलकर उन्होंने आर्मी कैंप में रहनेवाले सिमडेगा निवासी जवान से संपर्क किया। सेलस्टीन ने मणिपुर की मार समुदाय की युवती से की थी शादी दोनों के नौ बच्चे हुए, बेटों ने भी वहां की युवतियों से विवाह किया।

जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने दिया सूखा राशन

जिला परिषद सदस्या जोसीमा खाखा ने इस परिवार के घर पहुंच उनका कुशल क्षेम जाना केवल इतना ही नहीं बल्कि खाने के लाले पड़े इन परिवारों को सुखा राशन देने खुद पहुंच गई।वही प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार रजक से भी उन्होंने इन परिवारों को हर संभव मदद के लिए अनुरोध भी किया

परिवारों को किसी चीज की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी: भूषण बाड़ा

कांग्रेस विधायक भूषण बाड़ा ने भी कहा कि इन परिवारों को किसी चीज की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी उन्हें राशन कार्ड जॉब कार्ड मनरेगा योजना के तहत रोजगार दिलाने के साथ ही साथ सरकार की हरेक जन कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने में अपनी प्रयास करेंगे।

हरसंभव मदद करेगा जिला प्रशासन: बीडीओ

जानकारी मिलने के बाद सदर बीडीओ अजय कुमार रजक ने भी परिवार से मुलाकात की और उन्होंने कहा जिला प्रशासन द्वारा इन्हें हरसंभव मदद की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा तत्काल अनाज मुहैया कराया गया और बच्चों का एडमिशन के लिए आवश्यक कार्रवाई की। मनरेगा के माध्यम से उन्हें जॉब कार्ड उपलब्ध कराकर रोजगार दिया जाएगा। उनके भाई जो यहां रहते थे।उनको को प्रधानमंत्री आवास दिया गया है, पर किसी कारण से छत ढलाई नहीं हो पाई। उसे हम लोग जल्द से जल्द ढलाई कराने का कोशिश करेंगे। ताकि परिवार वाले घर में सुरक्षित रहे। साथ ही कोट की की व्यवस्था की जाएगी। क्योंकि बारिश के दिनों में सांप, बिच्छू का डर लगा रहता है। उन्हें कल 5 कोट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा जो भी नियम अनुसार सरकार के गाइडलाइन के अनुसार आएगा वह सभी सुविधाएं उक्त परिवार को दी जाएगी।

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