न्यूज स्टॉपज डेस्क
रांची में शहरी जलापूर्ति योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। विकास का कार्य होने में थोड़ी परेशानी होती है। लेकिन विकास के नाम पर लोगों को सुदूर ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर जीवन गुजारने को मजबूर करना गलत है। एसी चेंबरों में बैठने वाले “साहब” लोगों को आम लोगों की जैसे परवाह ही नहीं है। यही वजह है कि ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है। पाइपलाइन बिछाने के लिए अच्छी सड़कों का सीना छलनी कर 3-4 फीट गड्ढा खोदा गया। फिर पाइपलाइन बिछाने मिट्टी से गड्ढे को भरा कर छोड़ दिया गया है। इस पर कांक्रीट नहीं किया गया है। अब गली-मोहल्ले में पीसीसी सड़क लगभग गायब हो गई। इन सड़कों की तस्वीर को देखकर एक बार में यह कोई नहीं कहेगा की ये झारखंड की राजधानी के रांची नगर निगम के वार्ड की सड़क है। काम को हुए कई महीने हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अफसरों को का ध्यान सड़क की स्थिति सुधारने पर नहीं है।
चलने लायक नहीं बची है सड़क
गली-मोहल्ले की सड़क में गड्ढा खोद कर मिट्टी भरने से बारिश होते ही कीचड़ हो गया। स्थिति यह है कि यहां पैदल चलना भी मुहाल हो गया है क्योंकि सड़क चलने लायक नहीं बची। सबसे बुरी स्थित इस रोड से गुजर कर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों की है। महिलाओं और बुजुर्गों का भी इस सड़क से गुजरना किसी चुनौत से कम नहीं है। दूसरी ओर कई वाहन चालक मिट्टी के कारण फिसलकर गिर चुके हैं। ऐसे में अब लगता है कि जिम्मेदार साहब लोगों को किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है।
सड़कों की स्थिति पर एक नजर
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