अमिताभ चौधरी के नाम पर वोट मांगने वाले को बेटे अभिषेक ने लताड़ा

जेएससीए और सीसीसी सदस्यों को लिखा खुला पत्र

न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन ​​(जेएससीए) के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत अमिताभ चौधरी का नाम चुनाव में इस्तेमाल किये जाने पर उनके पुत्र अभिषेक चौधरी ने नाराजगी जताई। उन्होंने जेएससीए और सीसीसी सदस्यों को खुला पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि मेरे पास आगामी कंट्री क्रिकेट क्लब (सीसीसी) चुनावों का अनुसरण करने का कोई कारण नहीं है। मुझे नहीं पता कि इस चुनाव के लिए सटीक उम्मीदवार कौन हैं। प्रत्येक पद पर चुनाव लड़ने पर मैं केवल यह आशा कर सकता हूं कि सबसे अच्छा उम्मीदवार जीतेगा। फिर भी ऐसा प्रतीत होता है कि बेईमान, अक्षम (और मुख्य रूप से अशिक्षित) व्यक्तियों के एक समूह ने अपना पूरा अभियान मेरे पिता के नाम पर वोट मांगने पर आधारित किया है। मुझे स्पष्ट रूप से कहना चाहिए ये व्यक्ति अब नहीं हैं, और मेरे परिवार के नाम और बलिदानों पर परजीवी के अलावा कभी कुछ नहीं हो सकते हैं। उन्होंने न केवल मेरे पिता के नाम पर, बल्कि मेरे पिता के नाम पर भी चोरी की है, जिसमें मेरी पैतृक संपत्ति से बड़ी मात्रा में धन की चोरी भी शामिल है। इनमें से कोई भी व्यक्ति क्रिकेट के जुनून या सार्वजनिक सेवा की भावना से जेएससीए से नहीं जुड़ा है। एसोसिएशन के संसाधनों तक उनकी पहुंच का उपयोग केवल एक ही उद्देश्य के लिए किया जाता है: उनका व्यक्तिगत वित्तीय स्वार्थ मेरे पिता निश्चित रूप से जानते थे कि उनका अंतर्निहित मूल्य शून्य था और वास्तव में (गलती से) उन्होंने इसी कारण से उन्हें सहन किया।हालांकि, मुझे नहीं लगता कि मेरे परिवार के नाम या विरासत पर उनका कोई छोटा सा भी दावा है।

भविष्य में कीड़े-मकौड़ों और चोरों का गठजोड़ हो जाएगा खत्म
अभिषेक चौधरी ने ये भी लिखा कि मेरे संज्ञान में यह भी आया है कि इन लोगों ने अपनी भ्रष्टता और हताशा में मेरे पिता के साथ मेरे संबंधों के बारे में चूहे की तरह कुछ अकथनीय झूठ फैलाने का काम किया है। मगर मुझे जवाब देने के लिए कभी भी उनके स्तर तक नहीं गिरना पड़ेगा। उन्होंने ये भी लिखा कि आप में से बड़ी संख्या में लोगों को धन्यवाद जिन्होंने इस वर्ष की जेएससीए एजीएम में मुझे और मेरी बहन को सदस्यता देने के लिए स्वतःस्फूर्त आह्वान किया। दूसरा, आपको यह आश्वस्त करना है कि सीसीसी चुनावों के नतीजे चाहे जो भी हों, निकट भविष्य में कीड़े-मकौड़ों और चोरों का यह गठजोड़ खत्म हो जाएगा।

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