न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची सहित पूरे झारखंड में रमजान का चांद शुक्रवार को नजर नहीं आया। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शुक्रवार को शाअबान महीने की 29 तारीख थी। इस दिन चांद नजर आने की संभावना एदार ए शरीया और इमारत शरीया की ओर से जताई गई थी। चांद देखने का प्रयास भी किया गया। लेकिन चांद नजर नहीं आया। इस संबंध में एदार ए शरीया और इमारत शरीया ने एलान कर दिया कि रविवार को रमजान महीने का पहला रोजा होगा। एदार ए शरीया के नाजिमे आला (महासचिव) मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने बताया कि चांद कहीं से भी देखने की सूचना नहीं मिली है। ऐसे में शनिवार की रात से तरावीह की नमाज (रमजान माह में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज) की शुरुआत होगी। अहले सुबह सेहरी खाई जाएगी और इसके बाद रोजा शुरू हो जाएगा। मतलब रविवार दो मार्च को रमजान महीने का पहला रोजा होगा।
पहला रोजा सबसे छोटा और आखिरी सबसे लंबा होगा
रमजान महीने का पहला रोजा सबसे छोटा करीब 13.37 घंटे का होगा। वहीं, सबसे लंबा रोजा 14.18 घंटे का होगा। बताते चलें कि पहली सेहरी समाप्ति का समय अहले सुबह 4.55 बजे है। जबकि, इफ्तार का समय 5.52 बजे है। सेहरी में रोजाना एक मिनट कम होता जाएगा। उसी प्रकार इफ्तार हर एक-दो दिन में एक मिनट आगे बढ़ता जाएगा। ऐसे में अंतिम सेहरी का समय अहले सुबह 4.26 बजे होगा। जबकि, इफ्तार का समय बढ़कर 6.04 बजे पहुंच जाएगा।
कई जगह 10 दिनों की होगी तरावीह
रमजान का चांद दिखते ही शनिवार की रात से विशेष नमाज तरावीह की शुरुआत होगी। यह नमाज हर मस्जिदों में हाफिजे कुरान अदा कराएंगे। वहीं, कई मोहल्लों में 10 दिनों की तरावीह नमाज का भी आयोजन किया गया है। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। दरअसल तरावीह की नमाज मे पूरा कुरआन पाक पूरे रमजान में हाफिज ए कुरआन (कुरआन को कंठस्थ करने वाले) सुनाते हैं। जबकि, 10 और 15 दिनों के तरावीह में भी मुकम्मल कुरआन पाक (पवित्र ग्रंथ) हाफिज ए कुरआन द्वारा सुनाया जाता है। हालांकि, नियमानुसार तरावीह की नमाज रमजान के चांद देखने के साथ ही शुरू हो जाता है और ईद का चांद नजर आने पर यह खत्म हो जाता है।