झारखंड में सूखे की आहट, किसानों की बढ़ी चिंता, इस जिले की हालत सबसे खराब

न्यूज स्टॉपेज डेस्क
मानसून के अब विदा होने का समय करीब आ गया है। 30 सितंबर को मानसून विदा होगी। हालांकि, इन दिनों झारखंड के कई इलाकों में बारिश हो रही है। मगर कम बारिश ने एक बार फिर से सूखे की आहट आ रही है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। अब तक झारखंड में महज 66 प्रतिशत ही बारिश हुई है। जिसके कारण झारखंड में लगातार दूसरे साल सुखाड़ की पूरी संभावना नजर आने लगी है। राज्य में 62 प्रतिशत ही रोपनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 19 सितंबर तक राज्य में 950.9 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। मगर महज 630.5 एमएम बारिश ही हुई है। लक्ष्य से 34 प्रतिशत कम बारिश होने के कारण किसानों की समस्या बढ़ गई है। क्योंकि, रोपनी भी करीब 62 प्रतिशत ही हो पाया है। दरअसल पीएम फसल बीमा योजना में झारखंड शामिल नहीं है। जिसक कारण सुखाड़ होने पर इस वर्ष भी राज्य के 30 लाख से अधिक किसानों को केंद्र से मदद नहीं मिलेगी। हालांकि,  मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत किसानों को झारखंड सरकार से 3500 रुपए का ही लाभ मिल सकेगा।

 

चतरा जिले की स्थिति है सबसे भयावह
राज्य में सबसे बेहतर स्थिति साहिबगंज जिले की मानी गई है। यहां 1060.8 एमएम बारिश होनी थी, जबकि 19 सितंबर तक यहां 1062.4 एमएम बारिश हो चुकी है। इसके बाद गोड्‌डा जिले की स्थिति भी ठीक है। यहां 828.4 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, अब तक 790.3 एमएम बारिश हो चुकी है। मतलब यहां लक्ष्य से 5 प्रतिशत ही कम बारिश हुई है। वहीं, बात करें चतरा जिले की तो यहां की स्थिति सबसे दयनीय है।  यहां 880.9 एमएम बारिश होनी चाहिए थी मगर अब तक महज 330.6 एमएम बारिश ही हुई है। मतलब लक्ष्य से 62 प्रतिशत कम बारिश यहां हुई है। चतरा के बाद सबसे कम बारिश हजारीबाग में हुई है। यहां 52 प्रतिशत लक्ष्य से कम बारिश हुई। इसके बाद गुमला में 48 प्रतिशत कम, जबकि लोहरदगा व लातेहार में 45-45 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

देखें किस जिले में सामान्य कितनी बारिश होनी चाहिए, कितनी हुई

मौसम केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट।

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