– विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आजसू के प्रत्याशियों के साथ पहली बार हुई समीक्षा बैठक
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
एनडीए में समन्वय की कमी के कारण हमें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। अगर एनडीए गठबंधन में चुनाव के दौरान बैठक होती, तो शायद आज रिजल्ट कुछ और होता। यह बातें आजसू सुप्रिमो सुदेश महतो ने कही। झारखंड विधानसभा चुनाव में आजसू को मिली हार के बाद पार्टी कार्यालय में सुदेश महतो ने समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने पार्टी के प्रत्याशियों के साथ मिलकर मंथन किया। विधानसभा चुनाव में आजसू 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। 9 सीटों पर उसे हार मिली। खुद सुदेश महतो चुनाव हार गए। बैठक में मांडू के नव निर्वाचित विधायक तिवारी महतो भी मौजूद थे। बैठके के बाद पार्टी कार्यालय में उन्हें मीडिया से बात के दौरान कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि चुनाव में झारखंड की जनता ने जिस जनादेश के साथ इंडिया गठबंधन को जीत दिलाई है। उसके लिए मैं उन्हे शुभकामनाएं देता हूं, और उम्मीद करता हूं कि जो भी वादे उन्होंने किए है वो सिर्फ वादे न रहे।
सकारात्मक चीजों पर साथ, जनविरोधी निर्णय को होगा विरोध
सुदेश महतो ने कहा कि हम अपने मतदाताओं को अपने चुनावी मुद्दे पर बांध रखने में असफल साबित हुए। समन्वय जो गठबंधन के साथ बनना था जो कि नहीं बन पाया वह भी हार का एक कारण निकल कर आया है। इंडिया गठबंधन ठीक चुनाव के तीन माह पहले मंईयां योजना लाया। अब जनता ने इंडिया गठबंधन को जनादेश देकर चुना है।. इसलिए 5 साल तक हेमंत सरकार को जनता से किये गये वादों को पूरा करना होगा। सकारात्मक चीजों पर हमारा साथ सरकार के साथ रहेगा। जनविरोधी निर्णय होने पर हम विपक्ष की सही भूमिका निभायेंगे।
सरकार नौकरी दे, जाति जनगणना कराये
सुदेश महतो ने कहा कि गठबंधन की सरकार अपने वादों को पूरा करे। छात्रों को नौकरी दे। योजनाओं को लाभ दे। वृद्धा, विधवा, मंईयां, दिव्यांगों को ससमय इन योजनाओं को लाभ मिलता रहे। आजसू सुप्रीमो ने कहा, सरकार जाति जनगणना कराये, नियोजन नीति का आधार बनाये। हम आप के साथ हैं। वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि 10 में से एक सीट आजसू ने जीती है। आजसू के विधायक केवल मांडू का ही नहीं, वे विधानसभा में पूरे राज्य का प्रतिनिधत्व करेंगे।
स्थानीय मुद्दों का चुनाव से गायब होना जनता को रास नहीं आया
पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष सह गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चैधरी ने कहा कि हम जनता की भावनाओं को अच्छे से समझने में नाकाम रहें। स्थानीय मुद्दों का चुनाव से गायब होना जनता को रास नहीं आया। साथ ही सरकार की विफलताओं को जनता के बीच सही से न पंहुचा पाना भी इस चुनाव परिणाम की मुख्य वजहों में से एक रहा। हम जनता के विश्वास को दोबारा जीतने के लिए समर्पित हैं और इसके लिए अपनी रणनीति को मजबूत करेंगे।