न्यूज स्टॉपेज डेस्क
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार का प्रमुख कारण है आलाकमान से अपने को बड़ा समझना। अशोक गहलोत ने आलाकमान के निर्णय के विरुद्ध अपने एमएलए लोगों का समर्थन किया था। ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के कांग्रेस एआईसीसी के पूर्व सदस्य हाजी मतलुब इमाम ने कही। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में चुनाव लड़ना जरुरी था। जब इंडिया गठबंधन ने 14 गोदी एंकरों का बॉयकॉट किया था तो कमलनाथ नाविका कुमार को अपने साथ हेलीकॉप्टर में चुनाव क्षेत्रों में घुमा रहे थे। इंटरव्यू दे रहे थे। इंडिया गठबंधन ने तय किया था कि पहली संयुक्त रैली भोपाल में होगी तो कमलनाथ ने रैली कैंसिल करा दी। अखिलेश यादव को “अखिलेश वखिलेश” कहा। कांग्रेस धर्म निरपेक्षता के सिद्धांत पर चलती है तो कमलनाथ और बघेल सॉफ्ट हिंदुत्व पर चल रहे थे। इन सब का असर तो पड़ता है न?
कांग्रेस कोटे के मंत्री केवल दलालों को मानते हैं अपना
आज के नतीजे इसी का फल है अगर अभी नहीं समझा गया तो कब समझा जाएगा। अब बहुत हुआ दलालों को पुरस्कार देना। अब कार्यकर्ता को सम्मान नहीं दिया गया तो यही नतीजा झारखंड में भी यही होगा। प्रभारी को सिर्फ चमचों की जरूरत है और पद पर बैठे अधिकतर पदाधिकारी एंव अपने कोटे के मंत्री केवल दलालों को अपना मानते हैं। जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को अपने नजदीक आने भी नही देते।