न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
बोकारो। बोकारो जिले का एक ऐसा मंदिर जो 60 सालों से मंदिर का पट बंद था। स्थानीय लोग इस मंदिर के खुलने का विश्वास खो चुके थे, लेकिन इस नवरात्रि में मंदिर खुला भी और श्रृदालु पूजा भी कर रहे है। बता दें की बोकारो स्टील प्लांट की चहारदीवारी में पिछले 60 सालों से कैद अड्डा कनारी का बाबा भोलेनाथ और मां दुर्गा के मंदिर में इस साल घंटी बजने लगी है और पाठ शुरू हो गया है। यह मंदिर बोकारो के उत्तरी क्षेत्र में 1928 में बनाया गया था और बोकारो स्टील प्लांट के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण करने के बाद अड्डा कनारी का यह मंदिर भी प्लांट के हिस्से में पड़ गया था और तभी से यहां पूजा पाठ बंद था। पिछले 60 साल से लोगों के आस्था का यह केंद्र बोकारो स्टील प्लांट के अंदर कैद है और यहां पूजा पाठ बंद है। इस बार ग्रामीणों की पहल से इस मंदिर में शंख की ध्वनि और घंटी बजने लगी है और पांच लोगों को मंदिर के अंदर जाकर पूजा करने की इजाजत दी गई है। नवरात्र में पिछले 60 साल के बाद मिली इस तरह की पूजा की इजाजत ने ग्रामीणों को उत्साह से भर दिया है। 60 साल पहले इस मंदिर के प्लांट के अंदर चले जाने के कारण लोगों की आस्था का यह केंद्र लुप्त होने लगा था।
5-5 लोगों को दी गई इजाज़त
मंदिर के प्लांट के अंदर आने के बाद संयंत्र निर्माण के दौरान कई बार मंदिर को हटाने का प्रयास हुआ। पर यह प्रयास नाकाम रहा और बाद में इस मंदिर को जस का तस छोड़ दिया गया। 60 साल बाद इस मंदिर में पूजा अर्चना शुरू किया गया है और पांच लोगों को इसके लिए इजाजत दी गई है।लोग बारी बारी से जाते हैं पूजा करते हैं और वापस लौट आ रहे हैं। लोग यह मांग कर रहे हैं की मंदिर के लिए रास्ता मिल जाए तो उनके आस्था के केंद्र में पूजा पाठ करने में सहूलियत होगी। 1928 में बने मंदिर ने 100 साल से ज्यादा समय गुजार दिया है। और 60 साल से यहां पूजा पाठ नहीं हो रहा था इस बार पूजा पाठ शुरू होने से मंदिर गुलजार हो रहा है। एक लंबे आर्से के बात इस मंदिर के गुलजार होने से लोगों का भक्ति भाव देखने लायक है और उनकी आस्था सर चढ़कर बोलने लगी है।
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