न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची। एक आदिवासी महिला ने दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर शनिवार को फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए। इसके बाद क्षेत्र में जमकर लाठी, डंडे, ईंट और पत्थर चले। फिलहाल क्षेत्र में तनाव का माहौल है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़कर भगाया। मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। सूचना मिलते ही सांसद संजय सेठ घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों से घटना की जानकारी ली।
बताया जाता है कि खलारी के जी टाइप में रहने वाली 32 वर्षीय आदिवासी महिला से आरोपित ने दुष्कर्म कर वीडियो बना लिया। उसके बाद उसे ब्लैकमेल करने लगा। इससे आहत आदिवासी महिला ने दबाव में आकर घर में फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली। महिला की देवर ने खलारी थाना के पूर्व निजी ड्राइवर इरशाद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि आरोपित इरशाद ने ही भाभी के साथ दुष्कर्म किया फिर उसका अश्लील वीडियो बना लिया। इसके बाद उसे ब्लैकमेल कर रहा था। इसी दबाव में आकर उसकी भाभी ने खुदकुशी की है।
मिली जानकारी के अनुसार मृत महिला का पति बीते एक साल से बेंगलुरु के जेल में बंद है। उसके तीन बच्चे हैं। देवर निजी ड्राइवर का काम करता है। घटना से आक्रोशित आदिवासी समाज के लोग और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने डकरा-खलारी घूमकर दुकानों को बंद कराया। इसी दौरान शहीद चौक खलारी के निकट सोनू मोटर नामक दुकान में झड़प हो गई। झड़प में दूसरे पक्ष के दुकानदार का सिर फट गया और खून निकलने लगा। मौके पर पहुंची खलारी थाना पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया और जीप में बैठा लिया।
बंद कराने के दौरान हुए झड़प में दूसरे पक्ष के दुकानदार का सिर फूटने से युवक आक्रोशित हो गए। पुलिस के वहां से हटते ही सड़क पर आने जाने वालों पर पथराव करने लगे। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत पहुंची और सभी को खदेड़ दी। दुकानदार पक्ष का आरोप है कि बंद कराने वाले युवक ने रड से सिर पर मारा हैं। बंद समर्थकों का कहना है कि शटर बंद करने में चोट लगा है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
जब रांची में सुरक्षित नहीं आदिवासी, ग्रामीण क्षेत्रों का क्या होगा : सांसद
रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि जब राजधानी में सुरक्षित नहीं आदिवासी तो ग्रामीण क्षेत्रों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि कहने को झारखंड में आदिवासियों के हितों की सरकार है लेकिन धरातल पर सबसे अधिक असुरक्षित इस राज्य में आदिवासी बहन, बेटियां और आदिवासी नेता ही है। विगत एक सप्ताह की गतिविधियों को देखें तो ऐसा लगता है, जैसे इस राज्य के आदिवासियों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है। विशेष रुप से राजधानी रांची की स्थिति बहुत ही भयावह है। जब राजधानी की स्थिति इतनी भयावह है तो पूरे राज्य की स्थिति क्या होगी।
सांसद शनिवार को युवा आदिवासी नेता सुभाष मुंडा के आवास पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बोल रहे थे। सांसद ने कहा कि यह सरकार आदिवासी हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल रही है। सांसद ने बताया कि खलारी में एक आदिवासी महिला के साथ अवैध संबंध बनाकर उसे ब्लैकमेल किया गया। इस ब्लैक मेलिंग से महिला बहुत परेशान रही। अब उक्त महिला की संदेहास्पद मौत हो गई, जो कई प्रकार के सवाल खड़े करती है। सुभाष मुंडा जैसे युवा नेता को सरेशाम उनके दफ्तर मेंआकर गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। वहीं आजसू के एक आदिवासी नेता पर जानलेवा हमला होता है।
राज्य सरकार से मेरी मांग है कि इन तीनों ही मामले में एसआईटी का गठन किया जाए। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले चलाए जाएं और दोषियों को अविलंब फांसी की सजा दी जाए।