न्यूज स्टॉपेज डेस्क
नए वक्फ कानून के विरोध में मंगलवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की ओर से दिल्ली में प्रदर्शन हो रहा है। वक्फ बचाव अभियान के तहत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ (वक्फ की हिफाजत) नाम से आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम सुबह 10 बजे से जारी है। इसमें जमात-ए-इस्लामी हिंद जैसे कई बड़े मुस्लिम संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि जुटे हैं। इसके अलावा जैन समाज, क्रिश्चियन समाज और अन्य धर्म के लोग भी कार्यक्रम में उपस्थित हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का स्पष्ट कहना है कि संविधान के खिलाफ वक्त कानून का संशोधन किया गया है। संविधान के दायरे में रहकर तब तक लड़ाई लड़ी जाएगी जब तक इस केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेती।
पहले फेज में 87 दिनों तक चलेगा कार्यक्रम
AIMPLB की ओर से ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू हुआ। ये 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे। जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय होगी।
जाने क्या क्या है वक्फ कानून को लेकर AIMPLB की आपत्तियां
वक्फ संपत्तियों पर कब्जाः बोर्ड का दावा है कि परफेक्ट में संशोधन के बाद वक्फ संपत्तियों को सरकार या व्यक्तियों के लिए हड़पना आसान हो गया।
स्वायत्तता में कमीः नए कानून में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और जिला कलेक्टरों को संपत्तियों का मूल्यांकन करने का अधिकार देने का है विरोध।
धार्मिक स्वतंत्रता का हनन: AIMPLB का कहना है कि यह संशोधन संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है। यह हिंदू और सिख धार्मिक संस्थानों के साथ समान व्यवहार नहीं करता।
अनुचित हस्तक्षेपः पर्सनल लॉ बोर्ड का का मानना है कि वक्फ बोर्डों की शक्तियों को कम करना और सरकारी नियंत्रण बढ़ाना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।