न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची के सबसे बड़े कब्रिस्तान का नजारा बदला हुआ नजर आएगा। इस कब्रिस्तान के गेट को बुलंद दरवाजा में बदला जाएगा। अंजुमन इस्लामिया रांची की ओर से इसकी तैयारी भी कर ली गई है। इसका डिजाइन तैयार कर लिया गया है। इस संबंध में कब्रिस्तान के कन्वीनर वसीम अकरम ने बताया कि सारी तैयारी हो गई है। यहां एलीवेटेड रोड बनने के बाद सड़क उंची हो गई है। इसलिए यह तय किया गया है कि इस कब्रिस्तान के गेट को भव्य बनाया जाएगा। इसको लेकर आपसी सहमति भी बन गई है। शब-ए-बरात के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
कब्रिस्तानों की हुई साफ-सफाई, लाइटिंग की व्यवस्था मुकम्मल
गुरुवार 13 फरवरी को शब-ए-बरात है। मतलब इस दिन शाम ढलने के बाद इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शअबान महीने की 15वीं तारीख शुरू हो जाएगी। शअबान महीने की 15वीं रात को शब-ए-बरात का त्योहार मनाया जाता है। इस रात लोग रात भर मस्जिदों में या अपने घर में इबादत करते हैं। रात के आखिरी हिस्से में या अहले सुबह कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों की कब्रों पर फातिहा पढ़ते हैं। दुआ मांगते हैं। कब्रिस्तानों में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर कब्रिस्तान कमेटियों की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है। रातू रोड कब्रिस्तान, डोरंडा कब्रिस्तान और कांटाटोली कब्रिस्तान से लेकर अन्य कब्रिस्तानों में झाड़ियों की साफ-सफाई की गई। लाइट की व्यवस्था भी पूरी कर ली गई है।
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रातू रोड में सेहरी की रहेगी व्यवस्था
बुधवार को रातू रोड कब्रिस्तान में इसको लेकर कब्रिस्तान के कन्वीनर वसीम अकरम के अलावा अंजुमन इस्लामिया के उपाध्यक्ष नौशाद आलम, सचिव डॉ. तारीक, कार्यकारिणी सदस्य शाहिद अख्तर, मो. नजीब, शहजाद बब्लू और अन्य सदस्यों ने बैठक की। जिसमें तय हुआ कि शब-ए-बरात को लेकर यहां आने वाले लोगों के लिए पीने का पानी, वजू का पानी से लेकर सेहरी खाने की भी व्यवस्था रहेगी। मालूम हो कि शब-ए-बारात के दिन और उसके दूसरे दिन आम तौर पर लोग रोजा (उपवास) रखते हैं। इसलिए यह व्यवस्था रातू रोड कब्रिस्तान में भी की गई है।